नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) ने बाजार नियामक सेबी (SEBI) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक अवमानना याचिका (Contempt Petition) दायर की है. याचिका में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी ने सेबी के ऊपर आरोप लगाया है कि बाजार नियामक ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले पर अब तक अमल नहीं किया है. इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मामले की शीघ्रता से सुनवाई करने की भी अपील की है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह याचिका ऐसे समय दायर की है, जब सेबी सुप्रीम कोर्ट के 05 अगस्त के फैसले को लेकर समीक्षा याचिका दायर करने की योजना बना रहा था. दरअसल करीब दो दशक पुराने एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के पक्ष में फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया था कि वह इस मामले से संबंधित कुछ दस्तावेज रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ साझा करे. हालांकि सेबी ने अब तक सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले पर अमल नहीं किया है.
यह मामला साल 2002 से चला आ रहा है. करीब 20 साल पहले एस गुरुमूर्ति (S Gurumurthy) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ सेबी में एक शिकायत की थी. शिकायत में गुरुमूर्ति ने आरोप लगाया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ्रॉड करते हुए कंपनी के 120 मिलियन इक्विटी शेयर प्रमोटर्स से जुड़े निकायों को आवंटित कर दिया है. इसके साथ ही शिकायत में ये भी कहा गया था कि इस अलॉटमेंट को रिलायंस इंडस्ट्रीज और समूह की अन्य कंपनियों ने फंड किया था. यह मामला कई सालों तक शांत पड़ा रहा था.
बाजार नियामक सेबी ने इस मामले पर पहला कदम उठाया करीब नौ साल बाद. सेबी ने टेकओवर रेगुलेशंस के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमोटर्स को 24 फरवरी 2011 को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया. इसके बाद साल 2020 में सेबी ने एक सेबी स्पेशल कोर्ट (SEBI Special Court) के समक्ष शिकायत दायर कर रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की. हालांकि सेबी स्पेशल कोर्ट ने साल 2002 की शिकायत पर इतनी देरी से कार्रवाई का हवाला देते हुए नियामक की याचिका खारिज कर दी.
स्पेशल कोर्ट में याचिका निरस्त होने के बाद सेबी ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाया. दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी उन तीन दस्तावेजों की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी, सेबी जिन्हें आधार बना रहा था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस महीने की शुरुआत में फैसला सुनाया, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज के पक्ष में आया. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को कहा कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज को तीनों संबंधित दस्तावेजों का एक्सेस प्रदान करे. इन तीन दस्तावेजों में जस्टिस (रिटायर्ड) बीएन श्रीकृष्णा का फर्स्ट और सेकेंड ओपिनियन तथा वाईएच मालेगम की रिपोर्ट शामिल है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज का कहना है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के 05 अगस्त के फैसले के बाद तीनों दस्तावेजों के लिए दो बार सेबी से अनुरोध किया. सेबी ने दोनों बार दस्तावेजों का एक्सेस नहीं दिया और बताया कि वह इस मामले पर अभी सीनियर वकीलों से सलाह ले रहा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार (Registrar Of Supreme Court) को लिखे एक पत्र में कहा है, 'यह सबमिट किया जाता है कि याचिकाकर्ता के लगातार अनुरोध करने के बाद भी सेबी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं किया है और तीनों दस्तावेजों का एक्सेस नहीं दिया है. इस मामले में सेबी का व्यवहार जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना करना है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में इस मामले की जल्द सुनवाई करने की मांग की है. कंपनी ने कहा है कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा के समक्ष 22 अगस्त को लिस्ट किया जाए. वहीं दूसरी ओर सेबी की समीक्षा याचिका के बारे में जानकारों का कहना है कि नियामक के पास अभी इसके लिए समय है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला 05 अगस्त को आया था और उसके बाद 01 महीने की अवधि के दौरान सेबी समीक्षा याचिका दायर कर सकता है.