नई दिल्ली, (आईएएनएस)| केंद्र सरकार जहां बजट को जनहितैषी बता रही है, वहीं कांग्रेस ने इसकी आलोचना की है। कांग्रेस के नेताओं ने बेरोजगारी, महंगाई आदि के मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, मनरेगा में कटौती कर सरकार गरीबों व जरूरतमंदों के समक्ष संकट पैदा कर रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे 'मित्र काल' बजट बताते हुए कहा कि इसमें देश के प्रमुख मुद्दों के समाधान का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बजट 'मित्रों' व कॉरपोरेट घरानों के लिए है।
ट्विटर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'मित्र काल' बजट में नौकरियां पैदा करने के लिए कोई विजन नहीं है। महंगाई (मुद्रास्फीति) से निपटने की कोई योजना नहीं है। असमानता को दूर करने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, एक फीसदी सबसे अमीर के पास 40 फीसदी संपत्ति है, 50 फीसदी सबसे गरीब 64 फीसदी जीएसटी का भुगतान करते हैं औ 42 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, फिर भी पीएम को परवाह नहीं है! यह बजट साबित करता है कि भारत के भविष्य के निर्माण के लिए सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है।
चिदंबरम ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप को खत्म करने के केंद्र सरकार के बहाने पर निशाना साधा और कहा, अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए शिक्षा ऋण पर दी जाने वाली सब्सिडी तर्कहीन और मनमानी है।
उन्होंने कहा, सरकार अल्पसंख्यक छात्रों के जीवन को और अधिक कठिन बना रही है।
चिदंबरम ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी, असमानता या इक्विटी शब्दों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने अपने भाषण में दो बार गरीब शब्द का जिक्र किया है और भारत की जनता इस बात का ध्यान रखेगी कि कौन सरकार की चिंता में है और कौन नहीं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल सरकार ने 2021-22 के लिए 232,14,703 करोड़ रुपये की जीडीपी का अनुमान लगाया था और 11.1 प्रतिशत की वृद्धि दर को मानते हुए 2022-23 के लिए 258,00,000 करोड़ रुपये की जीडीपी का अनुमान लगाया था। 2021-22 के लिए जीडीपी को संशोधित कर 236,64,637 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
लेकिन सरकार की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है, केंद्रीय बजट में सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के लिए आवंटन 27 प्रतिशत बढ़ाकर 2023-24 के लिए 69,684 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो चालू वित्त वर्ष में 54,808 करोड़ रुपये था।
मिशन में 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पाइप से पानी उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है।
सरकार की अन्य प्रमुख पहल, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण है। इसमें 2022- 23 में 60,000 करोड़ रुपये के मुकाबले 28 प्रतिशत की वृद्धि कर 2023-24 के लिए 77,000 करोड़ रुपये कर दिया है।
पिछले हफ्ते, जल शक्ति मंत्रालय ने कहा था कि 11 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल का जल कनेक्शन प्रदान किया गया है, यानी लक्षित 19.3 करोड़ घरों में से 56 प्रतिशत।
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