हार्वर्ड एंड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के सीनियर एस्ट्रोफिजिसिस्ट फैबियो पैकूकई के मुताबिक एचडी1 अल्ट्रावॉयलेट लाइट में बेहद चमकीली दिखाई देती है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वहां कुछ ऊर्जावान प्रक्रियाएं हो रही हैं या फिर अरबों साल पहले हो चुकी हैं। शुरू में खगोलशास्त्रियों को लगा कि एचडी1 एक बेहद तेज दर से तारों का निर्माण कर रही स्टारबर्स्ट गैलेक्सी है। हालांकि, बाद में गणना करने पर एक अविश्वसनीय जानकारी हासिल हुई। एचडी1 हर साल 100 से ज्यादा तारों का निर्माण कर रही थी। यह सामान्य स्टारबर्स्ट गैलेक्सियों की तुलना में 10 गुना ज्यादा है। तब खगोलशास्त्रियों की टीम को संदेह हुआ कि एचडी1 रोजाना सामान्य रूप से तारों का निर्माण नहीं कर रही है। इसके अलावा एचडी1 से हम तक आने वाला प्रकाश भी दुविधा में डालने वाला है। इसका रंग शुरू-शुरू में लाल था, जो धीरे-धीरे गहरे काले रंग में तब्दील हो रहा है।
एचडी1 हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 10 करोड़ गुना बड़ा सुपरमैसिव ब्लैक होल का घर हो सकता है। अगर इस गैलेक्सी में ब्लैकहोल हुआ तो यह ब्रह्मांड के उन मॉडल्स के लिए चुनौती वाली जानकारी होगी, जो ब्लैक होल के निर्माण और विकास की व्याख्या करते हैं। क्योंकि उनकी व्याख्या के उलट इस विशालकाय ब्लैक होल का निर्माण और विकास बहुत ही जल्दी हो गया होगा। बिग बैंग के तुरंत बाद इतने विशाल सुपरमैसिव ब्लैक होल का बनना ब्रह्मांड संबंधी हमारे वर्तमान मॉडल के लिए एक चुनौती है।
हालांकि अगर हम यह मान लें कि एचडी1 ब्रह्मांड में बनने वाले शुरुआती तारों के वर्ग का है तो इसके गुणों को ज्यादा आसानी से समझा जा सकता है। ब्रह्मांड में बनने वाले तारों की पहली आबादी वर्तमान तारों की तुलना में अधिक विशाल, अधिक चमकदार और गर्म थी। पैकूकई के अनुसार इतनी दूर मौजूद स्रोत की प्रकृति के सवालों का सही जवाब देना चुनौतीपूर्ण काम है। यह कुछ-कुछ समुद्र में दूर घने कोहरे के बीच खड़े एक ऐसे जहाज के देश का पता लगाने जैसा ही है, जिसके झंडे के कुछ रंग और आकार तो दिख सकते हैं, लेकिन उसे पूरी तरह से नहीं देखा जा सकता। शुरुआती ब्रह्मांड के पिंडों की पड़ताल करना बहुत ही मुश्किल काम है।
एचडी1 को सुबारू टेलिस्कोप, विस्टा टेलिस्कोप, यूके इन्फ्रारेड टेलिस्कोप और स्पिट्जर स्पेस टेलिस्कोप का इस्तेमाल करके लगभग 1,200 घंटे के ऑब्जर्वेशन के बाद खोजा गया। खगोलशास्त्रियों का कहना है कि सात लाख खगोलीय पिंडों के बीच में एचडी1 की खोज करना बहुत चुनौतीपूर्ण काम था। जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप का इस्तेमाल करते हुए खगोलशास्त्रियों की टीम जल्दी ही एक बार फिर से धरती से दूरी की पुष्टि करने के लिए एचडी1 का ऑब्जर्वेशन करेगी। अगर मौजूदा गणना सही साबित होती है, तो एचडी1 अब तक रेकॉर्ड की गई सबसे दूर और सबसे पुरानी गैलेक्सी होगी। इस खोज के नतीजे 'द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल' में प्रकाशित किए गए हैं।