Business Idea: सरकार करेगी अंत तक मदद, सिर्फ 53,000 में शुरू करें ये बिजनेस

अगर आप भी खुद का बिजनेस प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. सरकार भी नया बिजनेस शुरू करने में मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है

Update: 2022-02-06 06:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप भी अपने बिजनेस से हर महीने तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. आज हम आपको कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath Murga) के बिजनेस के बारे में बता रहे हैं. ये काला मुर्गा दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है. इसका सबसे ज्‍यादा कारोबार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किया जाता है. आदिवासी इलाके में इसे कालीमासी कहा जाता है. इसका मांस सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. औषधीय गुणों के चलते कड़कनाथ मुर्गे की बहुत मांग रहती है.

कड़कनाथ के पास है जीआई टैग
कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में हो रहा है. आप इससे होने वाली कमाई का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र समय पर कड़कनाथ मुर्गे के चूजे उपलब्‍ध नहीं करा पा रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुई है इसलिए मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग (GI Tag) भी मिला हुआ है. इस टैग का मतलब है कि कड़कनाथ मुर्गे जैसा कोई दूसरा मुर्गा नहीं है.
इसलिए महंगा है कड़कनाथ
आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे और मुर्गी का रंग काला, मांस काला और खून भी काला होता है. अपने औषधीय गुण के कारण यह बहुत डिमांड में है. इस मुर्गे के मांस में आयरन और प्रोटीन सबसे ज्यादा पाया जाता है. इसके मांस में वसा और कोलेस्ट्रॉल भी कम पाया जाता है. इसके चलते ह्रदय और मधुमेह के रोगियों के लिए यह चिकन बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसके रेगुलर सेवन से शरीर को काफी पोषक तत्व मिलते हैं. इसकी मांग और फायदों को देखते हुए सरकार भी इसका बिजनेस शुरू करने में हर स्‍तर पर मदद करती हैं.
सरकार भी है इस मुर्गे की कायल
कड़कनाथ मुर्गा पालन की आवश्यकता को समझते हुए इसे बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. छत्तीसगढ़ में सिर्फ 53,000 रुपये जमा करने पर सरकार की ओर से तीन किस्तों में 1000 चूजे, 30 मुर्गियों के शेड और छह महीने तक मुफ्त दाना दिया जाता है. वहीं, टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल की जिम्मेदारी भी सरकार ही उठाती है. इतना ही नहीं, मुर्गों के बड़े होने पर मार्केटिंग का काम भी सरकार ही करती है
ऐसे शुरू करें इसका बिजनेस
आगर आप भी कड़कनाथ मुर्गा पालन का बिजनेस करना चाहते हैं तो कृषि विज्ञान केंद्र से चूजे ले सकते हैं. कुछ किसान 15 दिन का चूजा ले जाते हैं, जबकि कुछ लोग एक दिन का चूजा ले जाते हैं. कड़कनाथ का चूजा साढ़े तीन से चार माह के अंदर बिक्री के लिए तैयार हो जाता है. आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गी के चूजे का रेट 70-100 रुपये के बीच है. इसके एक अंडे का रेट 20-30 रुपये तक होता है. यानी आपका बजट भी इस बिजनेस के लिए ना नहीं कहेगा.
इस बिजनेस में जबरदस्त मुनाफा
अब बात करते हैं मुनाफे की. बाजार में एक कड़कनाथ मुर्गे की कीमत लगभग 3,000-4,000 रुपये होती है. इसका मांस 700-1000 रुपये प्रति किलो बिकता है. सर्दियों में मांस की खपत बढ़ने पर कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत 1000-1200 रुपये किलो तक पहुंच जाती है. अब अगर मुनाफे के हिसाब पर नजर डालें तो मान लीजिए आपने सरकार से 1000 चूजे 53,000 रुपये में खरीदे. एक मुर्गे में औसतन 3 किग्रा मांस निकला तो सर्दियों के एक मौसम में आप 35 लाख रुपये से ज्‍यादा की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा, इसमें आपको 6 महीने तक के उनके दाने और शेड बनाने पर भी कोई खर्चा नहीं करना है. यानी कम मेहनत और कम निवेश में जबरदस्त मुनाफा मिलेगा


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