Budget 2025: आम बजट में गांवों को मिलेगी बड़ी सौगात

Update: 2024-07-17 03:45 GMT
Budget 2025:वर्ष 2025 के आम बजट (general budget) में ग्रामीण क्षेत्रों पर खासा ध्यान दिया जा सकता है। लोकसभा चुनाव और इस साल हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों में ग्रामीण क्षेत्रों को मिले झटके को देखते हुए मोदी सरकार पहले से चल रही योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने के अलावा कुछ नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना, मनरेगा, सड़क निर्माण योजना और पीएम आवास योजना को ज्यादा पैसा दिया जा सकता है। वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रही, लेकिन कृषि ग्रोथ घटकर 1.4 फीसदी रह गई और निजी अंतिम उपभोग व्यय सिर्फ 4 फीसदी रहा। इस स्थिति में भी ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग की दर कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसे देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) पर खास ध्यान दे सकती हैं। केयरएज की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा, 'उपभोग बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिया जाएगा। पीएम आवास योजना ग्रामीण, पीएम ग्राम सड़क योजना, पीएम किसान सम्मान निधि और कृषि के लिए ज्यादा आवंटन किया जा सकता है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाया जा सकता है।
ग्रामीण मांग को मजबूत करना जरूरी- It is necessary to strengthen rural demand:
विशेषज्ञ बैंक ऑफ बड़ौदा (Expert Bank of Baroda) की अर्थशास्त्री सोनल बधान ने कहा, अंतरिम बजट में कोई नए उपायों की घोषणा नहीं की गई, लेकिन इस बार कुछ घोषणाएं की जा सकती हैं। पीएम किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जा सकता है। शहरी और ग्रामीण दोनों पीएम आवास योजना के लिए सरकार का आवंटन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। पीएम कृषि सिंचाई योजना के लिए आवंटन बढ़ सकता है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री दीप देशपांडे ने कहा, वित्त वर्ष 2024 में ग्रामीण आय और मांग में गिरावट आई थी। इसे बढ़ाने के लिए बजट में संपत्ति निर्माण और रोजगार सृजन योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाया जा सकता है। मनरेगा, पीएमएवाई और पीएम ग्रामीण सड़क योजना (MNREGA, PMAY and PM Rural Road Scheme) जैसे कार्यक्रमों के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने से बड़ी संख्या में ऐसे परिवारों की मदद हो सकती है जो कृषि गतिविधियों पर निर्भर नहीं हैं। हालांकि, ग्रामीण मांग को मजबूत करने के लिए ऐसे उपाय करने होंगे जो कृषि को जलवायु के कहर से बचा सकें और उन क्षेत्रों को समर्थन प्रदान करना होगा जो भविष्य में अधिक रोजगार पैदा कर सकते हैं।
Tags:    

Similar News

-->