Bond market: विदेशी बाजार में बढ़ेगी भारतीय बॉन्ड की पहुंच
कोविड-19 महामारी के बीच खर्चे पूरे करने के लिए 12 लाख करोड़ जुटाने की तैयारी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कोविड-19 महामारी के बीच खर्चे पूरे करने के लिए 12 लाख करोड़ जुटाने की तैयारी में लगी सरकार की राह आसान हो सकती है। भारत अक्तूबर तक वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में शामिल हो जाएगा, जिससे भारतीय बॉन्ड के लिए पहली बार दुनिया के शीर्ष बेंचमार्क के रास्ते भी खुल जाएंगे। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत 2019 से ही वैश्विक बॉन्ड सूचकांक मेें शामिल होने की कोशिश कर रहा था, ताकि विदेशी बाजारों से बॉन्ड के जरिए फंड जुटाना आसान हो जाए। वैसे तो उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में भारत का बॉन्ड बाजार सबसे बड़ा है।
भारत का बॉन्ड बाजार अभी करीब 800 अरब डॉलर का है, लेकिन विदेशी निवेशकों के कई प्रतिबंधों की वजह से इन्हें दुनिया के शीर्ष बेंचमार्क में शामिल नहीं किया जाता। अगर अक्तूबर तक वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में भारत शामिल होता है, तो जेपी मॉर्गन और ब्लूमबर्ग बार्कलेज जैसी बड़े सूचकांक से अनुमति मिल जाएगी। इससे सरकार के लिए 165.24 अरब डॉलर के बॉन्ड से सस्ता कर्ज जुटाना आसान हो जाएगा। हालांकि, पूंजी जुटाने का काम सूचकांक पर पंजीकरण के 12 महीने बाद शुरू हो जाएगा।