बीजेपी नेता बोले- अंबानी और अडानी की पूजा की जानी चाहिए क्योंकि वे लोगों को नौकरियां दे रहे है
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक सदस्य के जे अलफोंस (BJP MP Alphons) ने राज्यसभा (Rajyasabha) में गुरुवार को कहा कि वह चाहे रिलायंस हो, अंबानी हो या अडाणी या फिर कोई और, उनकी पूजा की जानी चाहिए व उनका सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि वह इस देश में लोगों को रोजगार देते हैं. राज्यसभा में आम बजट (Budget Session) पर चर्चा के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के सदस्य के जे अलफोंस ने यह बात कही. उन्होंने कहा, 'आप मुझे पर पूंजिपतियों का मुखपत्र होने का आरोप लगा सकते हैं. कोई भी व्यक्ति जो इस देश में रोजगार का सृजन करता है. वह चाहे रिलायंस हो, अंबानी हो, अडाणी हो या कोई और उनकी पूजा की जानी चाहिए. हां क्योंकि वह रोजगार देते हैं.
के जे अलफोंस के इस बयान का राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा सहित विपक्ष के अन्य नेताओं ने विरोध किया. इस पर अलफोंस ने विरोध कर रहे सांसदों से कहा, 'हम रोजगार सृजित नहीं करते जो पैसे निवेश करते हैं.अंबानी, अडाणी हर वह व्यवसायी जो पैसे निवेश करता है, वही रोजगार सृजित करता है'.बीजेपी सदस्य ने कहा कि उन्होंने कभी किसी अंबानी के साथ 'कॉफी नहीं पी' लेकिन वह दावे के साथ अपनी बात का समर्थन करते हैं. उन्होंने फिर कहा, 'देश का हर ईमानदार आदमी जो रोजगार पैदा करता है उसका सम्मान किया जाना चाहिए उसकी चर्चा की जानी चाहिए. ' बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 7 सालों में अवसंरचना पर जो खर्च किया है वह गरीबों के लिए किया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने 11 करोड़ शौचालय बनाए हैं जबकि दो करोड़ लोगों का आवास दिया है.
के जे अलफोंस ने आगे कहा, एलोन मस्क की संपत्ति 1016 प्रतिशत बढ़ गई है. क्या आप यह जानते हैं? गूगल के संस्थापक लैरी पेज की संपत्ति में 126 फीसदी का इजाफा हुआ है. बेजोस की संपत्ति में 67 फीसदी का इजाफा हुआ है. इन सभी टॉप 10 में सबसे नीचे बिल गेट्स हैं. उनकी संपत्ति में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है. वैश्विक असमानता एक सच्चाई है, चाहे आप इसे स्वीकार करें या न करें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट की आलोचना करते हुए, राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि सरकार ने इसे 'अमृत काल का बजट' बताया है. उन्होंने कहा, 'जब मैं पिछले कुछ वर्षों में इस सरकार के कामकाज की शैली को देखता हूं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि किसे अमृत मिल रहा है और किसे जहर मिल रहा है. दोस्तों के लिए ये अमृत है और अधिकतर लोगों को केवल जहर मिल रहा है.