कोरोना मरीजों के लिए बड़ी खबर, अब इलाज के लिए 5 लाख तक का लोन देंगे बैंक

कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग इलाज के खर्च को लेकर परेशान हैं।

Update: 2021-05-31 14:58 GMT

कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग इलाज के खर्च को लेकर परेशान हैं। ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) पांच लाख रुपये तक का असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण प्रदान कर रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई।

एसबीआई और आईबीए ने संयुक्त बयान में कहा कि पीएसबी वेतनभोगी, गैर-वेतनभोगी और पेंशनभोगियों को कोविड के इलाज के लिए 25,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण प्रदान करेगा। अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों को ऑन-साइट ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने के लिए दो करोड़ रुपये तक के लोन पर 100 फीसदी गारंटी का भी एलान किया गया, जिसमें ब्याज दर की सीमा 7.5 फीसदी रखी गई है।
वित्त मंत्रालय ने भी की घोषणा
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को राहत प्रदान करते हुए सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) का विस्तार कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायों के सामने पैदा हुई चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के दायरे को और बढ़ा दिया है।
सरकार ने अपनी तीन लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) को तीन महीने बढ़ाने का एलान किया है। इस स्कीम को 30 जून 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है या जब तक तीन लाख करोड़ रुपये की राशि जारी होती है।
सरकार द्वारा तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का दायरा बढ़ाए जाने के बीच बैंकों ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक 2.54 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किए जा चुके हैं तथा उनके पास और 45,000 करोड़ रुपये वितरित करने की गुंजाइश है।
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के सीईओ सुनील मेहता ने मंत्रालय की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, '(ईसीएलजीएस के लिए) उपलब्ध पूरे कोष में से 2.54 लाख करोड़ रुपये के ऋणों को पहले ही मंजूरी दे दी गई है और करीब 45,000 करोड़ रुपये के और ऋण की गुंजाइश बाकी है। 2.54 लाख करोड़ रुपये में से 2.40 लाख करोड़ रुपये पहली ही वितरित कर दिए गए हैं।'
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