बड़ी खबर- एयर इंडिया 68 साल बाद फिर टाटा की होगी, जानिए सरकारी से प्राइवेट हो जाएगी कंपनी

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, AirIndia के लिए पैनल ने टाटा ग्रुप को चुन लिया है. हालांकि, अभी तक आधिकारिक पुष्टी होनी बाकी है.

Update: 2021-10-01 06:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकारी कंपनी एयर इंडिया (Air India) को टाटा खरीदने जा रहा है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की रिपोर्ट के मुताबिक, Air India के लिए पैनल ने टाटा ग्रुप को चुन लिया है. एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसकी घोषणा जल्द कर सकती है. आपको बता दें कि जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने 1932 में टाटा एयरलाइंस (Tata Airlines) की स्थापना की थी. दूसरे विश्व युद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं. जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया. आजादी के बाद 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी. 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया.

एयर इंडिया को सरकार क्यों बेच रही है ?
सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया था कि वित्त वर्ष 2019-20 के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, एयर इंडिया पर कुल 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज (Total Debt on Air India) है.
एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड के स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) को एयरलाइन द्वारा 22,064 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के बाद की यह रकम है.
एयर इंडिया के पास कुल कितनी प्रॉपर्टी है?
31 मार्च 2020 तक एयर इंडिया की कुल फिक्स्ड प्रॉपर्टी करीब 45,863.27 करोड़ रुपये है. इसमें एयर इंडिया की जमीन, बिल्डिंग्स, एयरक्राफ्ट फ्लीट और इंजन शामिल हैं.
एयर इंडिया के कर्मचारियों का क्या होगा?
सरकार ने संसद में बताया में था कि गाइडेंस के आधार पर एयर इंडिया कर्मचारियों के हितों का पूरा खयाल रखा जाएगा. साथ ही, उन्हें भी पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा.
68 साल बाद फिर टाटा की होगी एयर इंडिया
यर इंडिया पहले टाटा ग्रुप की ही कंपनी थी. इस कंपनी की स्थापना JRD टाटा ने साल 1932 में की थी. आजादी के बाद उड्डयन क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण हुआ और इसके चलते सरकार ने टाटा एयरलाइंस के 49 फीसदी शेयर खरीद लिए. बाद में ये कंपनी पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई और 29 जुलाई, 1946 को इसका नाम एयर इंडिया रख दिया गया. साल 1953 में सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और कंपनी के फाउंडर JRD टाटा से मालिकाना हक खरीद लिया. इसके बाद फिर इस कंपनी का नाम एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड रखा गया.इस तरह टाटा ग्रुप ने एक बार फिर 68 साल बाद अपनी ही कंपनी को वापस पा लिया है.
पहले भी हो चुकी है बेचने की कोशिश
साल 2018 में एयर इंडिया को बेचने के अपने असफल प्रयास के बाद, सरकार ने पिछले साल जनवरी में विनिवेश प्रक्रिया को फिर से शुरू किया और एयर इंडिया में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी सहित राज्य के स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत वाली एक्सप्रेस लिमिटेड और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी इक्विटी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित कीं.


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