'ब्‍लाकचेन' टेक्‍नोलाजी के साथ बन रहा स्मार्ट, जानें इसमें करियर के बेहतर मौके

डाटा सिक्‍युरिटी की बढ़ती जरूरत को देखते हुए

Update: 2021-09-14 17:53 GMT

नई दिल्‍ली, डाटा सिक्‍युरिटी की बढ़ती जरूरत को देखते हुए इनदिनों ब्‍लाकचेन टेक्‍नोलाजी की काफी चर्चा हो रही है। वित्‍तीय लेनदेन के लिए यह बेहद सुरक्षित और प्रामाणिक तकनीक मानी जा रही है। इस तकनीक का इस्तेमाल आइटी, फिनटेक समेत तमाम क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। प्रोग्रामिंग लैंग्‍वेज, एआइ और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों में कुशलता हासिल करके तेजी से बढ़ते इस क्षेत्र में बेहतर करियर के मौके तलाश सकते हैं...

डाटा को सुरक्षित और लंबे समय तक सहेज कर रखने की कारगर तकनीक है ब्लाकचेन। इसे ब्लाकचेन इसलिए कहा जाता है, क्‍योंकि यह इंफार्मेशन को समूह में एकत्रित करता है। इस ग्रुप को ब्लाक भी कहा जाता है। हर एक ब्लाक की एक सीमित स्टोरेज क्षमता होती है और जब एक ब्लाक भर जाता है, तो वह पहले भरे हुए ब्लाक से जाकर जुड़ जाता है। ऐसे में डाटा की एक चेन बन जाती है।
इसे और आसान तरीके से समझें, तो ब्लाकचेन एक तरह का डेटाबेस है, जो किसी भी प्रकार की इंफार्मेशन का एक कलेक्शन होता है, जो कंप्यूटर सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिक रूप में सेव रहता है। डेटाबेस में इंफार्मेशन और डाटा एक टेबल के रूप में स्टोर रहते हैं ताकि इस इंफार्मेशन की फिल्टरिंग और सर्चिंग आसानी से हो सके। यह एक सुरक्षित तरीका है। यह टेक्नोलाजी सबसे पहले वर्ष 1991 में सामने आई थी। आज बैंकिंग और वित्‍तीय संस्‍थानों से जुड़े फर्म्‍स में इस तकनीक की सबसे अधिक सेवाएं ली जा रही हैं।
तेजी से बढ़ रही संभावनाएं
आज के दौर में ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जिनमें ब्लाकचेन तकनीक काफी उपयोगी साबित हो सकती है और बहुत से महत्‍वपूर्ण सेक्‍टर्स और उनकी सेवाओं को इस तकनीक की मदद से बेहतर बनाया जा सकता है, जैसे कि बैंकिंग। ब्लाकचेन के जरिए बैंक्‍स और दूसरे संस्थानों के बीच पेमेंट एक्सचेंज तेजी से हो सकता है। इसी तरह हेल्थकेयर सेक्टर की बात करें, तो इसमें ब्लाकचेन का इस्‍तेमाल करके मरीजों की मेडिकल रिपोर्ट को सुरक्षित तरीके से स्टोर कर सकते हैं। हेल्थकेयर के अलावा ब्लाकचेन का इस्‍तेमाल सप्लाईचेन को भी और मजबूत बनाने में किया जा सकता है। इसके जरिये सप्लायर्स ब्लाकचेन में अपने खरीदे हुए मैटीरियल का रिकार्ड रख सकते हैं, जिससे उन प्रोडक्ट की वास्‍तविकता को जल्‍दी से वेरिफाई किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, ब्लाकचेन के कई फायदे हैं। इस तकनीक से छेड़छाड़ करना आसान नहीं है। काम की शुद्धता में सुधार लाया जा सकता है। थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन हटने से खर्च भी कम हो जाता है। इसके जरिए ट्रांजैक्शन को सिक्योर और प्राइवेट भी रखा जा सकता है। चूंकि अभी कुछ गिने-चुने क्षेत्रों में ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए ब्लाकचेन के एक्सपर्ट और इसके जानकारों की संख्‍या भी अभी सीमित ही है। फिलहाल, बैंकिंग सेक्टर, रिटेल सेक्टर, हेल्‍थकेयर, इंश्‍योरेंस, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट और टेलीकम्‍युनिकेशन में ब्लाकचैन के इस्तेमाल की अपार संभावनाएं हैं। आने वाले समय में इन सभी सेक्टर्स में बड़ी संख्या में नौकरियां आने की उम्मीद हैं।
जॉब्‍स के मौके
भारत पहले से ही आइटी क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है। ऐसे में ब्लाकचेन के पेशेवरों की भारत में आने वाले समय में खासी ज़रूरत पड़ने वाली है। बैंकिंग, मेडिकल, आइटी आदि क्षेत्रों में उपयोग बढ़ने से आने वाले समय में ब्लाकचेन के एक्सपर्ट्स की मांग तेजी से बढ़ेगी। वैसे भी, इन दिनों आनलाइन कामकाज बढ़ने से डाटा की सिक्योरिटी पर काफी जोर दिया जा रहा है, इसलिए भी ब्लाकचेन की मांग बढ़ना तय है। क्‍योंकि इस तकनीक को अपनाने पर डाटा को बदलना या उससे छेड़छाड़ लगभग नामुमकिन है। फिलहाल, इसके जानकारों के लिए अभी सबसे अधिक मौके साफ्टवेयर/आइटी कंपनियों, फाइनेंशियल सर्विसेज एवं इंश्‍योरेंस के क्षेत्र में है। आइबीएम, एक्‍सेंचर तथा काग्निजेंट जैसी कंपनियों में ब्लाकचेन के पेशेवर रखे भी जा रहे हैं।

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