बुरी खबर : Microsoft के Email का इस्तेमाल करने वालों पर 72 घंटों हैकर्स ने किया कई बार अटैक

अगर आप माइक्रोसॉफ्ट के ईमेल का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है क्योंकि पिछले 72 घंटों में कंपनी के ईमेल सर्वर को यूज करने वाली कंपनियों पर साइबर अटैक बढ़ गए हैं

Update: 2021-03-15 14:23 GMT

अगर आप माइक्रोसॉफ्ट के ईमेल का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है क्योंकि पिछले 72 घंटों में कंपनी के ईमेल सर्वर को यूज करने वाली कंपनियों पर साइबर अटैक बढ़ गए हैं. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के बिजनेस ईमेल सर्वर में सेंधमारी की गुंजाइश संबंधी सूचना सार्वजनिक होने के बाद माइक्रोसॉफ्ट की सर्वर सेवाओं का उपयोग करने वाले संस्थानों पर हैकिंग की कोशिशें पिछले तीन दिनों में छह गुना बढ़ गई हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, इन 72 घंटों के दौरान जिन देशों पर सर्वाधिक साइबर अटैक की कोशिश हुई है उनमें अमेरिका सबसे टॉप पर रहा जिसका हिस्सा 21 प्रतिशत रहा. इसके बाद 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ नीदरलैंड दूसरे और 12 प्रतिशत के साथ ही तुर्की तीसरे स्थान पर रहा.
'चेक प्वाइंट रिसर्च' के अनुसार, जिन टेक्नोलॉजी सेक्टर को सर्वाधिक निशाना बनाया गया उनमें सरकारी एवं सैन्य संस्थान सबसे ऊपर थे और इनका हिस्सा 27 प्रतिशत रहा. इसके बाद दूसरे स्थान पर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री रही जिसका हिस्सा 22 प्रतिशत रहा. वहीं तीसरा स्थान पर सॉफ्टवेयर वेंडर रहे और इनका हिस्सा 9 प्रतिशत रहा.

साइबर सिक्योरिटी फर्म के शोधकर्ताओं के मुताबिक, हैकर्स और सुरक्षा पेशेवरों के बीच एक दौड़ शुरू हो गई है. वैश्विक विशेषज्ञ उन हैकर्स से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर निवारक प्रयासों का उपयोग कर रहे हैं, जो माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज में रिमोट कोड एग्जीक्यूशन वलनैरेबिलिटीज का सफलतापूर्वक लाभ उठाने के लिए दिन-प्रतिदिन काम कर रहे हैं.
ऐसी खबरें मिल रही हैं कि कम से कम पांच अलग-अलग हैकिंग समूह माइक्रोसॉफ्ट के बिजनेस ईमेल सर्वर पर अटैक कर रहे हैं. इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट ने 'रैनसमवेयर के एक नए फैमिली' (साइबर अटैक करने वाला एक नया ग्रुप) का पता लगाया है.
पिछले हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट ने एक ट्वीट में कहा था कि अटैक के लिए 'डियरक्राई' नाम वाले इस नए रैनसमवेयर को यूज किया जा रहा है. यह उन्हीं चार कमजोरियों का उपयोग करता है जिसके बारे में माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि चीन समर्थित हैकिंग ग्रुप "हाफनियम" भी उन्हीं कमजोरियों को लक्षित कर सेंधमारी का प्रयास करता है.


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