कालाधन रखने वालों के लिए बुरी खबर! भारत को इस महीने मिलेगा स्विस बैंक खातों की जानकारी

कालाधन रखने वालों के लिए बुरी खबर है. स्विटजरलैंड इस महीने स्विस बैंक में खाता रखने वाले भारतीयों की जानकारी भारत को सौंपेगा.

Update: 2021-09-13 03:02 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कालाधन रखने वालों के लिए बुरी खबर है. स्विटजरलैंड इस महीने स्विस बैंक (Swiss Bank) में खाता रखने वाले भारतीयों की जानकारी भारत को सौंपेगा. ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) के तहत भारतीय नागरिकों के बैंक खाते के डिटेल वाले डाटा की तीसरी किस्त भारत को मिलेगा. इसमें पहली बार विदेश में भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली अचल संपत्ति का विवरण भी शामिल होगा. स्विटरजरलैंड तीसरी बार भारत के साथ डाटा साझा करेगा. इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में ऐसी ही जानकारी साझा कर चुका है.

विदेश में जमा कालेधन के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत को सितंबर में स्विटजरलैंड में भारतीयों के फ्लैट, अपार्टमेंट और ज्वाइंट ओनरशिप वाली रियल इस्टेट संपत्तियों की भी पूरी जानकारी मिलेगी. साथ ही ऐसी संपत्तियों से होने वाली कमाई की भी जानकारी मिलेगी. इससे देश को उन संपत्तियों से जुड़ी कर देनदारियों पर ध्यान देने में मदद मिलेगी.
भारत को तीसरी बार मिलेगी स्विस बैंक अकाउंट की जानकारी
यह तीसरा मौका होगा जब भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीयों के बैंक खातों और अन्य संपत्तियों के बारे में विवरण मिलेगा. लेकिन, यह पहली बार होगा जब भारत के साथ साझा की जा रही जानकारी में अचल संपत्ति की जानकारी शामिल होगी.
नहीं मिलेगी ये जानकारी
स्विटजरलैंड पहली बार भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली अचल संपत्ति की संपत्ति के बारे में जानकारी साझा करने के लिए सहमत हुए हैं. नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन को दान या योगदान या डिजिटल करेंसी में निवेश जैसी जानकारी अभी भी AEOI समझौते से बाहर है.
बता दें कि भारत को सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से पहली बार डेटा मिला था. उस साल भारत ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में शामिल था. इसके बाद सितंबर 2020 में, भारत को 85 अन्य देशों के साथ दूसरी बार अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खातों का डेटा मिला था.
विशेषज्ञों और स्विट्जरलैंड में निवेश आकर्षित करने के कारोबार में लगे लोगों ने कहा कि इस कदम से स्विस संपत्तियों में प्रवाहित सभी धन के अवैध होने के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी. देश को अचल संपत्तियों में निवेश सहित एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में काफी सहायता होगी.


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