5जी स्पेक्ट्रम के 4 दौर की नीलामी पूरी, मंत्री अश्विनी वैष्णव का आया ये बयान

Update: 2022-07-27 02:53 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: महीनों के इंतजार के बाद देश में 5G नेटवर्क हकीकत बनने वाला है. इसके लिए अभी 5G के स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spctrum Auction) चल रही है. यह नीलामी मंगलवार यानी 26 जुलाई से शुरू हुई. अगर अभी और स्पेक्ट्रम की डिमांड आई तो आज भी नीलामी की प्रक्रिया जारी रह सकती है. इस बीच सरकार ने बताया है कि पहले दिन की नीलामी में उसे उम्मीद से बढ़कर बोलियां मिली हैं. आंकड़ों के अनुसार, पहले दिन चार राउंड की बिडिंग के बाद सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं.

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Central Minister Ashwini Vaishnaw) ने पहले दिन की नीलामी के बाद देर शाम एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि 5G स्पेक्ट्रम के लिए भारत की अब तक की एकमात्र नीलामी के पहले दिन ही बोलियों ने 1.45 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया. स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया मंगलवार को सुबह के 10 बजे से शुरू हुई. शाम के छह बजे तक चार राउंड में बोलियां लगाई गईं. मंत्री ने कहा कि अगर अभी भी बोली लगाने वालों के बीच स्पेक्ट्रम की डिमांड बाकी रही तो नीलामी की प्रक्रिया आज भी जारी रह सकती है. इससे पहले सरकार को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में 1.09 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान कई एनालिस्ट जाहिर कर रहे थे.
मंत्री ने कहा कि पहले दिन चार राउंड में नीलामी हुई. 700 MHz बैंड फ्रीक्वेंसी के लिए भी बोलियां प्राप्त हुईं. ऐसा लगता है कि टेलीकॉम इंडस्ट्री नए टेक और नए इन्वेस्टमेंट की उम्मीद में नए क्षेत्रों की ओर कदम बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार 15 अगस्त से पहले 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया को पूरा करना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस साल के सितंबर या अक्टूबर महीने तक देश में 5G सेवाओं की शुरुआत होते देखना चाहती है. उन्होंने कहा, 'नीलामी के बाद जल्दी से जल्दी स्पेक्ट्रम का आवंटन करने के लिए हमारी टीम ओवरटाइम काम कर रही है.'
सरकार कुल 72GHz स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रही है. इसका मूल्य करीब 4.3 लाख करोड़ रुपये है. इस नीलामी के तहत निचली फ्रीक्वेंसी बैंड में 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, मिड फ्रीक्वेंसी बैंड में 3300 MHz और हाई फ्रीक्वेंसी बेंड में 26 GHz स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी है. इन नौ बैंड में करीब 72 हजार MHz स्पेक्ट्रम की नीलामी 20 साल की अवधि के लिए होने वाली है. इस बार स्पेक्ट्रम की नीलामी की रेस अडानी डेटा नेटवर्क (Adani Data Netwrok) के शामिल हो जाने से ज्यादा दिलचस्प हो गई है. अडानी के अलावा इस नीलामी में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस जियो (Reliance Jio), सुनील मित्तल (Sunil Mittal) की भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) हिस्सा ले रही हैं.
इस नीलामी से सरकार को खुद 70 हजार करोड़ रुपये से 01 लाख करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद थी. हालांकि चार राउंड में ही बोलियां का टोटल अमाउंट सरकार की उम्मीद की ऊपरी लिमिट से भी मीलों आगे निकल चुका है. ऐसा माना जा रहा है कि 5G स्पेक्ट्रम के लिए हो रही इस नीलामी में रिलायंस जियो सबसे ज्यादा आवंटन पा सकती है. उसके बाद भारती एयरटेल दूसरे स्थान पर रह सकती है. वोडाफोन आइडिया और अडानी सीमित हिस्सा ले सकती हैं. रिलायंस जियो ने नीलामी के लिए सबसे ज्यादा 14 हजार करोड़ रुपये अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) के तौर पर जमा किए हैं. वहीं एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया ने 2,200 करोड़ रुपये जमा किए हैं. अडानी डेटा नेटवर्क ने महज 100 करोड़ रुपये जमा किया है.


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