खरीफ फसलों की MSP में बढ़ोतरी को मिली मंजूरी, किसानों को राहत, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
किसानों को मिली राहत
केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार किसानों को आज बड़ी खुशखबरी दे सकती है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूर मिल गई है. सूत्रों के मुताबिक, आज शाम 4 बजे MSP को लेकर हुए निर्णय की घोषणा की जाएगी. इस बार खरीफ फसलों की MSP में 5 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है. माना जा रहा है कि 2018-19 सीजन के बाद इस बार MSP में सबसे अधिक वृद्धि होगी. खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों धान, मक्का और सोयाबीन के साथ ही मूंगफली, तुअर, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी मिली है. इस सीजन की कुल 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाएगा. ऐसी संभावना है कि सरकार सबसे अधिक बढ़ोतरी दलहन और तिलहन के फसलों में करेगी, क्योंकि इसमें भारत आत्मनिर्भर नहीं है. साथ ही, सरकार की नीति इन फसलों की खेती को बढ़ावा देने की है ताकि आयात में कमी की जा सके.
खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान है. सबसे अधिक संख्या में किसान इसी फसल की खेती करते हैं. हो सकता है कि धान किसानों को एमएसपी पर बढ़ोतरी से निराशा हाथ लगे. ऐसा अनुमान है कि सरकार धान के रेट में कम बढ़ोतरी करे. सोयाबीन, मूंग, अरहर, कपास और मूंगफली के समर्थन मूल्य में ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना है. इस सरकार का ध्यान मोटे अनाज की तरफ भी है. साथ ही फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि ज्वार, बाजरा और रागी की एमएसपी में अधिक वृद्धि की जा सकती है.
हर साल दो बार तय होती है MSP
हर साल कृषि लागत में बढ़ोतरी होती है. डीजल के दाम बढ़ने से सिंचाई और जुताई पर खर्च बढ़ जाता है. वहीं खाद, बीज और कृषि श्रम पर लगने वाली लागत में भी बढ़ोतरी होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार हर साल दो बार फसलों की एमएसपी तय करती है. खरीफ सीजन शुरू होने से पहले ही खरीफ फसलों की एमएसपी जारी की जाती है. इसी तरह रबी फसलों की एमएसपी भी जारी होती है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
सोयाबीन और मूंगफली किसानों को सबसे अधिक लाभ होने की संभावना है. कृषि लागत और मूल्य आयोग ने इस साल एमएसपी में सबसे अधिक बढ़ोतरी की सिफारिश की है. वहीं अगर एमएसपी में ठीक-ठाक बढ़ोतरी होती है तो ग्रामीण इलाकों में किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी. देश की आधी से अधिक आबादी कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों पर निर्भर है. अगर उनके पास एमएसपी का पैसा पहुंचेगा तो वे कृषि उपकरण से लेकर खाद, बीज और अन्य कृषि उत्पादों की खरीद पर अधिक खर्च करेंगे.