भारतीय बाजार में Apple टैबलेट के ने मजबूत की पकड़, सैमसंग दूसरे स्थान पर खिसका
भारतीय टैबलेट बाजार में 29 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सैमसंग को दूसरे स्थान पर खिसका दिया है
महामारी के दौरान दूरस्थ तरीके से घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) के बढ़े चलन, सीखने और मजेदार गतिविधियों में वृद्धि के साथ एपल ने 2021 में जनवरी से मार्च की पहली तिमाही में भारतीय टैबलेट बाजार में 29 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सैमसंग को दूसरे स्थान पर खिसका दिया है. गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
मार्केट रिसर्च फर्म साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 की पहली तिमाही में एपल आईपैड्स ने भारत में 140 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि के साथ असाधारण प्रदर्शन जारी रखा. पहली तिमाही में एपल आईपैड 8 ने 17 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की, जबकि एपल आईपैड एयर 2020 की भारतीय बाजार में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी दर्ज की गई. वहीं लेनोवो ने 2021 की पहली तिमाही में भारतीय टैबलेट बाजार का नेतृत्व करना जारी रखा.
आईपैड शिपमेंट में 144 प्रतिशत की ग्रोथ
सीएमआर में इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के प्रमुख प्रभु राम ने आईएएनएस से कहा, सब कुछ घर से काम करने के चलन के मद्देनजर एपल के लिए 2021 की पहली तिमाही में आईपैड शिपमेंट में साल-दर-साल एक अभूतपूर्व 144 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक ब्रेकआउट तिमाही रही. एपल की सफलता उल्लेखनीय है, क्योंकि इसमें कॉस्ट-एडवांटेज की कमी है, जो कि एंड्रॉएड टैबलेट में है.
प्रभु राम ने कहा कि 2021 की पहली तिमाही में एपल की सफलता मुख्य रूप से आकांक्षात्मक अपील से प्रेरित रही, जो ब्रांड उपभोक्ताओं के बीच कायम है. इसके अलावा उन्होंने एड-टेक क्षेत्र में इसके प्रदर्शन को भी इसका एक मुख्य कारण बताया. एपल 2020 की दूसरी छमाही से अपने मजबूत विकास की गति को नए साल में भी जारी रखने में सक्षम रहा है. एपल आईपैड की वृद्धि (वर्ष दर वर्ष) देश में 2020 में 42 प्रतिशत रही थी, जबकि पिछले साल की चौथी तिमाही में यह इसने वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर 135 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी.
सप्लाई की कमी के बावजूद Apple की स्थिति मजबूत
Apple अपने मजबूत विकास की गति को 2020 की दूसरी छमाही से नए साल में जारी रखने में सक्षम था. देश में 2020 के लिए iPad की वृद्धि (YoY) 42% थी, जबकि पिछले साल Q4 में, 135% (YoY) थी. सीएमआर के स्पोक्सपर्सन ने कहा, "पिछले साल सप्लाई की कमी का सामना करने के बावजूद, Apple अपनी ताकत और बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में सक्षम रहा है.