वैसे तो भारत में बहुत सी एयरलाइन्स मौजूद हैं, लेकिन ज्यादातर लोग विस्तारा (Vistara) या फिर इंडिगो (Indigo) को ही पसंद करते रहे हैं. जहां विस्तारा का विलय AI यानी एयर इंडिया (Air India) में हो चुका है, वहीं दूसरी तरफ इंडिगो आभी भी लोगों की पहली पसंद बनी हुई और अब हाल ही में इंडिगो को लेकर एक काफी दिलचस्प खबर सामने आ रही है.
25 नए विमान
इंडिगो भारत में अच्छा प्रदर्शन कर रही है और कंपनी के बिजनेस में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. बिजनेस में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कंपनी विमानों की अपनी फ्लीट यानी विमानों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी कर रही है. और लगता है कि इंडिगो को बोइंग (Boeing) के विमानों से कुछ खास लगाव है. हाल ही में इंडिगो ने फैसला लिया है कि वह 25 वाइड-बॉडी विमान खरीदेगी.
बोइंग है दौड़ में आगे
सबसे पहले तो यह समझ लेते हैं कि वाइड-बॉडी विमान कौन से होते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वाइड-बॉडी विमान उन विमानों को बोला जाता है जिनमें ट्विन-आइल (Twin Aisle) यानी बीच में तीन सीटें और बाईं एवं दाईं तरफ दो-दो सीटें होती हैं. इंडिगो ऐसे 25 विमानों को खरीदने के बारे में विचार कर रहा है और इंडिगो की इस मांग को पूरा करने की दौड़ में एयरक्राफ्ट कंपनी, बोइंग सबसे आगे नजर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इंडिगो, बोइंग 787 वाइड-बॉडी विमान को खरीदने के बारे में विचार कर रहा है, इसके मुकाबले में फ्रांसीसी कंपनी एयरबस (Airbus) का A330 नियो जेट विमान मौजूद है.
सबसे बड़ा ऑर्डर
अब तक किसी भी एयरलाइन द्वारा दिया गया सबसे बड़ा ऑर्डर 470 विमानों का था, जो एयर इंडिया द्वारा बोइंग को दिया गया था. लेकिन इंडिगो ने हाल ही में एयरबस को 500 विमानों का ऑर्डर दिया था जिसके बाद अब इंडिगो द्वारा दिया गेगा ऑर्डर ही किसी भी एयरलाइन द्वारा दिया गया सबसे बड़ा ऑर्डर है. आपको बता दें कि इससे पहले भी एक बार इंडिगो 480 विमानों का ऑर्डर दे चुकी है. इसका सीधा मतलब ये है कि आने वाले दस सालों में इंडिगो के पास लगभग 1000 नए विमानों का जखीरा तैयार हो जाएगा. इन विमानों में प्रमुख रूप से A320 और A321 विमान शामिल हैं.
इंडिगो का प्लान
फिलहाल इंडिगो के पास 300 विमानों का जखीरा मौजूद है और रोजाना इस एयरलाइन के विमानों द्वारा 1800 उड़ानें भरी जाती हैं. रोजाना 1800 उड़ानों की मदद से कंपनी 78 घरेलु स्थानों को आपस में जोड़ती है. नए विमानों की मदद से कंपनी टियर 2 और टियर 3 शहरों में अपनी कनेक्टिविटी को बेहतर करने और नए रूट इजात करने के बारे में भी विचार कर रही है.