एयर इंडिया ने इन कर्मचारियों की सैलरी और पोस्‍ट में किया बदलाव

Update: 2023-06-30 17:51 GMT
भारत सरकार से टाटा के पास आने के बाद फ्लाइंग स्‍टॉफ की सैलरी की समीक्षा करने के बाद अब एयर इंडिया ने शुक्रवार को अपने भारत स्थित नॉन-फ्लाइंग स्‍टॉफ के वेतन और पोस्‍ट में बड़ा बदलाव किया है. ये करने के पीछे कंपनी का मकसद उन्‍हें मार्केट के अनुरुप सैलरी पर लाना है जिससे एयरलाइन की कैपेसिटी को बढ़ाया जा सके.
कितने लोगों को मिलेगा इसका फायदा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में एयर इंडिया में कुल लगभग 16,000 कर्मचारी हैं इनमें 7,000 नॉन-फ्लाइंग स्‍टॉफ है जबकि 9,000 पायलट और केबिन क्रू जैसे फ्लाइंग सदस्य हैं. कंपनी ने अप्रैल में फ्लाइंग स्टाफ की सैलरी में बदलाव किया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कहा कि प्रत्येक भूमिका का बारीकी से आंकलन करने के बाद ही ये बदलाव किए गए हैं. उन्‍होंने कहा कि हमने इसे बाहरी कंपनियों के मुकाबले बेंचमार्क किया है ताकि ग्रेड और संबंधित मुआवजा बाजार मानकों के अनुरूप हो. कंपनी ने इसके साथ ही परफॉरमेंस-लिंक्‍ड वेरिएबल फीचर पेश किया है जिसका मकसद कर्मचारियों के प्रदर्शन को और बेहतर बनाना है. ये कंपनी और कर्मचारी के परफॉरमेंस से सीधा जुड़ा रहेगा.
कब से होगा लागू
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एयर इंडिया की ओर से जो बदलाव किए गए हैं वो रिवाइज्‍ड सैलरी स्‍ट्रक्‍चर और पोस्‍ट 1 अप्रैल, 2023 से लागू होंगे. टाटा समूह ने 8 अक्टूबर, 2021 को सरकार से एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती थी. समूह ने 27 जनवरी, 2022 को एयरलाइन का अधिग्रहण कर लिया. विल्सन के संदेश के बाद, एयरलाइन के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुरेश दत्त त्रिपाठी ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें नई भूमिकाओं और पोस्‍ट को ज्‍यादा जवाबदेह और ज्‍यादा स्‍पष्‍टता प्रदान करने और कर्मचारियों की परफॉरमेंस को सुधारने के मकसद से डिज़ाइन किया गया है. इससे हमारे कर्मचरियों हमारे कर्मचारियों की ग्रोथ और उन्नति होगी. त्रिपाठी ने कहा कि पुराने और नए ग्रेड ढांचे के बीच बिल्कुल कोई समानता या संबंध नहीं है.
किन्‍हें नहीं मिलेगा इस बदलाव का फायदा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार त्रिपाठी ने कहा कि 8 अक्टूबर, 2021 और 31 दिसंबर, 2023 के बीच शामिल होने वाले कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि प्रदान की जाएगी. जो कर्मचारी निजीकरण से पहले शामिल हुए हैं उनका वेतन अब कंपनी की लागत (सीटीसी) के तहत रहेगा. बोनस उनके प्रदर्शन से जुड़ा रहेगा. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन कर्मचारियों को नए संगठन ढांचे में कोई भूमिका नहीं सौंपी गई है, उन्हें नया मुआवजा नहीं मिलेगा. उन्‍होंने साफ करते हुए कहा कि जिन कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है, उन्हें संशोधित रोजगार अनुबंध और मुआवजा भी नहीं मिलेगा.
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