दिल्ली में टमाटर के बाद अब प्याज भी सस्ता

Update: 2023-08-23 16:33 GMT
प्याज की महंगाई : प्याज की महंगाई की चिंता के बीच सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने प्याज की बफर स्टॉक की सीमा को 300,000 टन से बढ़ाकर 500,000 टन कर दी है। इसके अलावा, प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया गया है। साथ ही, लोगों को 25 रुपये प्रति किलो प्याज मुहैया कराने का फैसला भी किया गया है।
प्याज की कीमतों का असर
देश में प्याज की खुदरा कीमत बढ़कर रविवार को 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है, जो पिछले साल से 19 फीसदी अधिक है। दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 37 रुपये तक पहुंच गई है, जो पिछले साल इन्हीं दिनों 28 रुपये थी।
प्याज के निर्यात पर शुल्क लगाने का प्रभाव
प्याज निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने से व्यापारियों की खुशी है। इससे प्याज की कीमतों पर नियंत्रण आ सकता है और इसकी कीमतें कम हो सकती हैं।
प्याज की आपूर्ति का स्थिति
आजादपुर सब्जी मंडी को राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात से प्याज की आपूर्ति होती है। मंडी में प्रतिदिन 62 से 70 गाड़ियां आती हैं, जिनमें 15 से 25 टन प्याज होता है।
किसानों की राय
अनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीकांत मिश्रा के अनुसार, दूसरे राज्यों से आयातित प्याज की थोक कीमतें बढ़ गई हैं। बाजार में प्याज का थोक भाव 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जबकि खुदरा बाजार में प्याज 40 से 45 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
सरकार के कदम और भविष्य की उम्मीद
केंद्र सरकार की संस्था एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) प्याज को 25 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उपलब्ध कराएगी। व्यापारियों के मुताबिक, इसके साथ ही प्याज की खुदरा बिक्री भी शुरू की जाएगी, जिससे प्याज की कीमतों में नियंत्रण आ सकता है।
निर्यात के प्रभाव पर डर
हालांकि, व्यापारियों को डर है कि प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने से इसके निर्यात में 50 फीसदी की गिरावट आ सकती है। देश के प्याज निर्यात का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा महाराष्ट्र से होता है। नासिक से निर्यात का 70 फीसदी हिस्सा होता है।
भविष्य की उम्मीद
वित्त मंत्रालय की आशा है कि बाजार में नई फसलों के आने से अगले महीने से सब्जियों की कीमतें कम हो जाएंगी। यह उम्मीद दिखाता है कि आने वाले समय में प्याज की कीमतों में सुधार हो सकता है।
किसानों की प्रतिक्रिया
कुछ किसान इस प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क के खिलाफ धरना दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे इस निर्णय से खुश नहीं हैं।
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