करोड़ का दान देने के बाद TATA ग्रुप ने बताया इस महामारी से निजात पाने का एकमात्र तरीका
टाटा ग्रुप का मानना है कि तेजी से टीकाकरण अभियान चलाकर ही लोगों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित किया जा सकता है
देश पिछले 14 महीने से कोरोना से लड़ रहा है. नई लहर ज्यादा खतरनाक है और रोजाना आधार पर 3.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. टाटा ग्रुप संकट के इस समय में हर तरीके से मदद कर रहा है. 2020 में टाटा ग्रुप की तरफ से 1500 करोड़ रुपए कोरोना राहत के लिए दिया गया था. इस समय देश को ऑक्सीजन की जरूरत है तो टाटा के प्लांट में ऑक्सीजन गैस पैदा की जा रही है. साथ ही सप्लाई के लिए दर्जनों क्रॉयोजेनिक टैंकर आयात किए गए हैं. कंपनी में काम करने वालों और उनके परिवार को वैक्सीन भी लगवाई जा रही है.
इतना सबकुछ करते हुए टाटा ग्रुप का मानना है कि तेजी से टीकाकरण अभियान चलाकर ही लोगों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित किया जा सकता है. टाटा समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा है. टाटा ग्रुप विदेशों से 60 क्रॉयोजेनिक कंटेनर लाने और करीब 400 ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां लगाने की प्रक्रिया में है. इन ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों का उपयोग छोटे शहरों के अस्पतालों में किया जा सकता है जिससे महामारी की दूसरी लहर से निपटने में मदद मिलेगी. साथ ही समूह कोल्ड चेन तैयार कर रहा है ताकि परिवहन के लिए कम तापमान की आवश्यकता वाले टीके के स्वीकृत होने की स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके.
टीकाकरण में जितनी तेजी आएगी, उतना उच्छा होगा
टाटा संस के अध्यक्ष (बुनियादी ढांचा,रक्षा, एयरोस्पेस और वैश्विक कंपनी मामले) बनमाली अग्रवाल ने कहा, ''मेरे हिसाब से जितनी तेजी से और जल्दी हम अपने लोगों को टीका लगाने में सक्षम होंगे, उतना ही बेहतर होगा क्योंकि यह हमारे लोगों को सुरक्षित करने का यह एक स्पष्ट तरीका है.'' यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को अन्य विनिर्माताओं से और टीकों की जरूरत है, उन्होंने कहा, ''निश्चित रूप से लोगों को तेजी से टीकाकरण करने के लिए जो भी जरूरी हो, किये जाने की जरूरत है. लेकिन, आपको इसे सुरक्षित रूप से करना होगा… परीक्षण के संदर्भ में जो भी प्रक्रिया है, उसका पालन करते हुए सावधानी बरतने के साथ आपको यह करना होगा.''
वैक्सीन के अन्य विनिमिर्ताओं को भी मिले इजाजत
अग्रवाल ने कहा, ''जाहिर तौर पर, अगर आपके पास विनिर्माताओं की संख्या अधिक है, इससे चीजें काफी आसान होंगी. जितने अधिक टीके होंगे, हमारे सभी लोगों को टीका लगाना आसान हो सकता है.'' उल्लेखनीय है कि भारत के औषधि नियामक ने पिछले महीने कुछ शर्तों के साथ रूस के कोविड-19 टीके स्पुतनिक V के सीमित आपात उपयोग को मंजूरी दे दी. इस टीके का आयात डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज करेगी. इससे देश में तीसरे टीके के उपयोग का रास्ता साफ हो गया है.
टीकाकरण में भी सहायता करेगा टाटा ग्रुप
इससे पहले, इस साल जनवरी में भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोविड-19 के दो टीकों… भारत बॉयोटेक के कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका के कोविशील्ड…के आपात उपयोग को मंजूरी दी थी. कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे में कर रही है. अग्रवाल ने कहा कि टाटा समूह टीकाकरण कार्यक्रम में सहायता देने को लेकर तैयारी कर रहा है. ''हम एक तरह से तैयार हो रहे हैं. अगर हमारे पास ऐसा टीका है जिसे कुछ कोल्ड चेन की जरूरत है, तो हम इसको ध्यान में रखकर तैयारी कर रहे हैं. सौभाग्य से, समूह के भीतर, हमारे पास वोल्टास जैसी कंपनियां हैं….''
कोरोना से निपटने की क्षमता पर निर्भर है इकोनॉमिक ग्रोथ
उन्होंने यह भी कहा, ''हमारे लिये दीर्घकाल में स्वास्थ्य संबंधी ढांचागत सुविधाओं में निवेश से इनकार नहीं किया जा सकता. यह देश के लिये महत्वपूर्ण है. अग्रवाल ने कहा कि लेकिन फिलहाल यह साफ है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास कोविड-19 से निपटने और उसके प्रबंधन की क्षमता पर निर्भर है. उन्होंने कहा, ''अगर हमने इसका प्रबंधन सही तरीके से कर लिया, तो चीजें बेहतर होंगी. अन्यथा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा….मुझे पूरा भरोसा है कि हम इसे कर (प्रबंधित) सकते हैं.''