आखिर क्या है ब्लूटूथ और दांतों का लेना देना?

आपके फोन में ब्लूटूथ होगा, जिससे आप बिना किसी वायर के फाइल का आदान-प्रदान करते हैं

Update: 2022-01-12 12:25 GMT
आपके फोन में ब्लूटूथ होगा, जिससे आप बिना किसी वायर के फाइल का आदान-प्रदान करते हैं. ब्लूटूथ काफी यूजर फ्रेंडली माना जाता है और इससे लंबे वक्त तक लोग डेटा ट्रांसफर करते रहे. लेकिन, कभी आपने इसके नाम पर गौर किया है, क्योंकि अगर 'ब्लूटूथ' नाम को हिंदी में ट्रांसलेट करते हैं तो मतलब आता है 'नीला दांत'. ऐसे में जानते हैं कि क्या सही में इसका दांत से कोई लेना देना है या फिर इसका नाम ये क्यों रखा गया है.
ये बात जानकर आपको हैरानी होगी कि ब्लूटूथ का नाम किसी टेक्नोलॉजी से जुड़े काम की वजह से नहीं बल्कि एक राजा के नाम पर है. वहीं, कई रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ब्लूटूथ के नाम के पीछे नीला दांत भी जुड़ा हुआ है.
कई रिपोर्ट्स में कहा गया और ब्लूटूथ की वेबसाइट पर भी इसका जिक्र है कि ब्लूटूथ का नाम मध्ययुगीन स्कैंडिनेवियाई राजा के नाम पर पड़ा है. उस राजा का नाम था Harald Gormsson. बता दें कि डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन देशों के राजाओं को स्कैंडिनेवियाई राजा कहा जाता है.
कई रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि उनका नाम blátǫnn था और यह डेनमार्क भाषा का नाम है. इसका अंग्रेजी में मतलब ब्लूटूथ होता है. अब कहानी ये है कि राजा का नाम blátǫnn क्यों पड़ा था, जिसका मतलब है ब्लूटूथ यानी नीला दांत. दरअसल, इकोनॉमिक्स टाइम्स समेत कई वेबसाइट में कहा गया है कि राजा का नाम ब्लूटूथ इसलिए दिया गया था कि उनके एक दांत, जो नीले रंग का दिखता था, जो एक तरीके से डेड दांत था. ऐसे में इस राजा के इस नीले दांत से ब्लूटूथ का नाम ब्लूटूथ पड़ा है.
हालांकि, कई रिपोर्ट्स में दांत वाली कहानी के अलग कहानी भी बताई जाती है. लेकिन, यह बात तय है कि ब्लूटूथ का नाम राजा Harald Gormsson के नाम पर ही पड़ा था. अब सवाल ये है कि ब्लूटूथ के मालिक ने उस राजा के नाम पर ही इस टेक्नोलॉजी का नाम क्यों रखा. ऐसे में कहा जाता है कि ब्लूटूथ के मालिक Jaap HeartSen, Ericsson कंपनी में Radio System का काम करते थे. Ericsson के साथ नोकिया, इंटेल जैसी कंपनियां भी इस पर काम कर रही थी. ऐसी ही बहुत सी कंपनियों के साथ मिलकर एक गठन बनाया था जिसका नाम SIG (Special Interest Group) था.
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