सुकन्या समृद्धि योजना में हुए 5 बड़े बदलाव, निवेश करने से पहले जान लीजिए

ये 416 रुपये रोजाना की बचत आगे चलकर आपकी बिटिया के लिए 65 लाख रुपये की मोटी रकम बन जाएगी.

Update: 2022-02-12 08:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Sukanya Samriddhi Yojana: अगर आप भी बेटी के पिता हैं और चाहतें हैं कि आपकी लाडली का भविष्य आर्थिक रूप से सम्पन्न हो. उसे कभी पैसों की को दिक्कत न आए तो आप भी सरकार की इस शानदार निवेश शुरू कर सकते हैं. इस खास स्कीम में निवेश किया तो आपकी बेटी 21 साल में ही लखपति बन जाएगी. इस स्कीम में आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है बस रोजाना 416 रुपये इस खास योजना के लिए बचाना है. ये 416 रुपये रोजाना की बचत आगे चलकर आपकी बिटिया के लिए 65 लाख रुपये की मोटी रकम बन जाएगी.

क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?
Sukanya Samriddhi Yojana एक ऐसी लंबी अवधि की स्कीम है, जिसमें निवेश करके आप अपनी बेटी की पढ़ाई और भविष्य को लेकर निश्चिंत हो सकते हैं. इसके लिए आपको बहुत ज्यादा रकम भी निवेश करने की जरूरत भी नहीं होती. इस योजना में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं. नए नियमों में तहत खाते में गलत ब्‍याज डलने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है. इसके अलावा खाते का सालाना ब्‍याज हर वित्‍त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा. पहले न‍ियम था क‍ि बेटी 10 साल में ही खाते को ऑपरेट कर सकती थी. लेकिन नए नियमों के तहत 18 साल की उम्र से पहले बेटी को खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. उससे पहले अभिभावक ही खाते को ऑपरेट करते रहेंगे.
डिफॉल्‍ट अकाउंट पर नहीं बदलेगी ब्‍याज दर
खाते में सालाना कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है. इस राश‍ि के जमा नहीं होने पर अकाउंट को ड‍िफॉल्‍ट मान ल‍िया जाता है. लेकिन नए न‍ियमों के तहत अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्‍योर होने तक खाते में जमा राश‍ि पर लागू दर से ब्‍याज मिलता रहेगा. पहले डिफॉल्‍ट खातों पर पोस्‍ट ऑफिस सेविंग्‍स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्‍याज मिलता था.
अब 'तीसरी' बेटी का भी खोल सकेंगे खाता
पहले इस योजना में दो बेट‍ियों के खाते पर ही 80सी के तहत टैक्‍स छूट का लाभ म‍िलता था. तीसरी बेटी पर यह फायदा नहीं म‍िलता था. नए न‍ियम के तहत एक बेटी के बाद यद‍ि दो जुड़वां बेटियां पैदा होती हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान है.
तय समय से पहले बंद कर सकते हैं अकाउंट
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोले गए खाते को पहले दो परिस्थियों में बंद किया जा सकता था. पहला बेटी की मौत हो जाए तो और दूसरा यद‍ि बेटी के रहने का पता बदल जाए तब. लेकिन नए बदलाव के बाद खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी इसमें शामिल कर लिया गया है. अभिभावक की मौत होने पर भी समय से पहले अकाउंट बंद क‍िया जा सकता है.


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