भारत में बिकने वाली ऐसी 10 कारें, जिसमें लगे हैं एक ही इंजन
जब हम कार पर बैठते हैं तो हम सब का ध्यान गाड़ी में मिलने वाली सुविधा पर जाता है। बहुत ही कम लोग होते हैं जो ये जानने के लिए इच्छुक हों कि गाड़ी में कौन सा इंजन लगा हुआ है।
जब हम कार पर बैठते हैं तो हम सब का ध्यान गाड़ी में मिलने वाली सुविधा पर जाता है। बहुत ही कम लोग होते हैं जो ये जानने के लिए इच्छुक हों कि गाड़ी में कौन सा इंजन लगा हुआ है। इसलिए आपकी जानकारी को और भी मजबूत करने के लिए आज आपको बताने जा रहे हैं उन 10 गाड़ियों के नाम जिसमें सामान इंजन लगा हुआ है।
फॉक्सवैगन टाइगुन और स्कोडा कुशाक (1.0 L और 1.5 L TSI टर्बो पेट्रोल इंजन)
फ़ॉक्सवैगन टाइगुन और स्कोडा कुशाक MQB AO IN प्लेटफ़ॉर्म ही नहीं साझा करते बल्कि दोनों में एक ही TSI पेट्रोल इंजन प्रयोग किया जाता है। दोनों कारों में एक ही इंजन प्रयोग किया जाता है जोकि 1.5 लीटर TSI यूनिट और 1.0 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन के विकल्प के तौर पर प्रयोग किया जाता है। 1.0 लीटर TSI इंजन से 115 bhp की पॉवर और 178 Nm का टॉर्क जेनरेट होता है, जबकि 1.5 लीटर TSI इंजन से 147 bhp की पॉवर और 250 Nm की पीक टॉर्क जेनरेट होता है।
Tata Harrier और Jeep Compass (2.0 लीटर मल्टी जेट टर्बो डीजल इंजन)
Tata Harrier और Jeep Compass दोनों ही 2.0 लीटर मल्टी जेट टर्बो डीज़ल इंजन का प्रयोग करती हैं। यह इंजन फ़िएट द्वारा बनाया गया है वही इसे इसे टाटा मोटेर्स और जीप इंडिया को अपने-अपने मॉडल में प्रयोग करने के लिए आपूर्ति करता है। टाटा दावा करती है कि उसने हैरियर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इंजन को थोड़ा मॉडिफ़ायड किया है। जबकि इससे अब भी वही 170 bhp की अधिकतम शक्ति और 350nM का टॉर्क उत्पन्न होता है।
फ़िएट के मल्टी जेट डीज़ल इंजन अपनी कार्यक्षमता और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते है। यह 2.0 लीटर मल्टी जेट टर्बो डीज़ल इंजन बनावटी तौर पर 1.3 लीटर टर्बो डीज़ल इंजन की तरह है जो कि कुछ वर्ष पहले तक भारत के राष्ट्रीय इंजन के तौर पर जाना जाता था। 1.3 लीटर टर्बो डीज़ल इंजन को फ़िएट, मारुति सुज़ुकी, सेवेरोलेट और टाटा मोटेर्स जैसे कार ब्रांड में प्रयोग किया जा चुका है।
मारुति सुज़ुकी में ही देखें तो मारुति स्विफ़्ट का 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन मारुति की कई अन्य कारों जैसे डिज़ाइअर, बलेनो, इग्निस, वैगनआर और कई अन्य कारों में लगा होता है।