फ्लिपकार्ट-अमेजन की फेस्टिवल सेल पर लगेगी प्रतिबंध, CCI को मिला कैट का साथ

Update: 2020-10-06 14:09 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्‍ली. अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों की फेस्टिवल सेल पर रोक लगाई जा सकती है. दरअसल, भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग (CCI) ने फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच पर कर्नाटक हाईकोर्ट की अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट  का दरवाजा खटखटाया है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिल्‍ली व्‍यापार महासंघ की याचिका पर दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सीसीआई की जांच पर अंतरिम रोक लगाने का फैसला दिया था. अब व्‍यापारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने सीसीआई की याचिका को सही ठहराते हुए दावा किया है कि ये दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां मनमाने तरीके से कारोबार कर रही हैं.

कैट का दावा, लागत से कम कीमत पर सामान बेचती हैं ई-कॉमर्स कंपनियां

व्यापारी संगठन कैट का दावा है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट लंबे समय से मनमाने तरीके से कारोबार रही हैं. ये दोनों कंपनियां लागत (Cost) से कम मूल्य पर माल बेचती हैं. यही नहीं, ई-कॉमर्स कंपनियां भारी छूट, प्रोडक्‍ट्स की इन्वेंट्री पर नियंत्रण और ब्रांड्स के साथ विशेष व्यवस्था जैसे अनैतिक कारोबार करती हैं. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट की फेस्टिवल सेल पर प्रतिबंध (Ban) लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह केंद्र सरकार से अपील करेंगे.

कैट का आरोप, सरकार को GST का चूना लगा रही हैं ई-कॉमर्स कंपनियां

कैट ने केंद्र सरकार से मांग की है कि भारत मे ई-कॉमर्स कारोबार को रेग्‍युलेट और मॉनिटर करने के लिए एक रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी बनाई जानी चाहिए. इसके अलावा केंद्र को एक कारगर ई-कॉमर्स नीति भी बनानी चाहिए ताकि अगर कोई कंपनी एफडीआई नियमों का उल्लंघन करे तो उन्हें भारत छोड़ने के लिए कहा जा सके. कैट ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिये सरकार को वस्‍तु व सेवा कर (GST) का चूना लगा रही हैं.

कैट ने वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर उठाए कई सवाल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे पत्र में कैट ने कहा था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कई ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से शुरू की गईं फेस्टिवल सेल में बिक्री के दौरान कम जीएसटी लगाया जा रहा है. इससे सरकार को जीएसटी का नुकसान हो रहा है. कैट ने कहा था कि अगर कोई कारोबारी अपने व्यवसाय में छोटी सी गलती करता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है. वहीं, बिजनेस टू बिजनेस (B2B) गतिविधियों के लिए अधिकृत ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं को (B2C) सीधे बिक्री कर रही हैं. इसके लिए उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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