मुंबई: अभिनेत्री क्रिसैन परेरा के परिवार पर निराशा का पहाड़ टूट पड़ा है। शारजाह सेंट्रल जेल ने उनका पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया है और अब उसके निर्वासन पर विचार कर रही है। यह जानकारी उनकी मां प्रेमिला परेरा ने शुक्रवार को दी।
गौरतलब है कि लगभग दो हफ्ते पहले, शारजाह कोर्ट ने न केवल नकली दवा मामले में क्रिसैन को सभी आरोपों से बरी कर दिया था, बल्कि यह भी निर्देश दिया था कि उनका पासपोर्ट सौंप दिया जाए और उसे घर लौटने की अनुमति दी जाए। परेशान प्रेमिला परेरा ने आईएएनएस को बताया, तब से, हम उसकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कल, जब वह शारजाह सेंट्रल जेल गई, तो उन्होंने कहा कि उसका पासपोर्ट जारी होने में एक या दो महीने लग सकते हैं।
प्रेमिला ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने इस बात का भी संकेत दिया है कि क्रिसैन को भारत निर्वासित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों का आघात क्रिसैन के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। प्रेमिला ने मांग की, अदालत के आदेश बहुत स्पष्ट हैं फिर जेल अधिकारी अदालत के फैसले का सम्मान क्यों नहीं कर रहे हैं? उन्हें उसका पासपोर्ट क्यों रोकना चाहिए। वह इस बात से बहुत चिंतित हैं कि विदेशी भूमि पर पिछले लगभग तीन महीनों के घावों ने क्रिसैन के स्वास्थ्य को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। प्रेमिला ने कहा, हमने उसे मनोरोग संबंधी दवाएं पहले ही भेज दी हैं, वह अकेली है और 'यातनाओं' को और सहन करने में असमर्थ है। अगर उसे कुछ होता है, तो क्या शारजाह सरकार इसकी जिम्मेदारी लेगी? परिवार को यह भी अफसोस है कि बार-बार गुहार लगाने के बावजूद न तो भारतीय दूतावास न ही विदेश मंत्रालय इस मामले में मदद करने को तैयार है।
बढ़ते खचरें और बिलों से चिंतित, प्रेमिला अब अपनी बेटी के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर ध्यान देने और मदद के लिए शारजाह अधिकारियों से अपील करने की कोशिश करने के लिए तीन महीने में तीसरी बार संयुक्त अरब अमीरात जाने की तैयारी कर रही हैं। पेरेरास ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि शारजाह जेल शारजाह अदालत और पुलिस जांचकतार्ओं के निदेशरें का सम्मान नहीं कर रही है, जिन्होंने संवेदनशील मामले की बहुत गहन और पेशेवर तरीके से जांच की थी।
1 अप्रैल को, क्रिसैन अनजाने में नकली दवाओं के मामले में फंस गई और उसे शारजाह (यूएई) पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उसने लगभग 25 दिन वहां की जेल में बिताए। प्रेमिला ने कहा, जैसे ही उसका परिवार सहायता के लिए मुंबई पुलिस के पास गया, उसे 26 अप्रैल को जमानत मिल गई और जांच ने आखिरकार उसे बेदाग निकलने में मदद की। क्रिसैन अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए पूरी तरह तैयार थी, और उसे उम्मीद थी कि वह लंबी कठिनाइयों को पीछे छोड़कर पिछले सप्ताह भारत वापस आ जाएगी। अब, फिर से क्रिसैन मुश्किल में फंस गई है - परिवार इसे शारजाह जेल अधिकारियों द्वारा 'न्याय का मजाक' करार देता है - वे अनिश्चित हैं कि वह कब घर लौटेगी और दु:स्वप्न समाप्त होगा।