कोविड के खिलाफ जंग में गेम चेंजर साबित हो सकती है भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन, मिली तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी
कोरोना वायरस से लड़ाई में भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन गेम-चेंजर साबित हो सकती है. है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ाई में भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन गेम-चेंजर साबित हो सकती है. हैदराबाद स्थित इस दवा निर्माता कंपनी को बूस्टर खुराक के रूप में इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन (Intranasal COVID Vaccine) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डा. संजय राय (Dr Sanjay Rai) ने कहा कि यदि क्लीनिकल ट्रायल में यह वैक्सीन म्यूकोसल इम्युनिटी प्रदान कर देती है तो यह एक बड़ी कामयाबी होगी. ऐसे में यह वैक्सीन महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है.
33 टीके, लेकिन कोई प्रभावी नहीं
AIIMS में वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डा. संजय राय (Dr Sanjay Rai) ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि यदि यह वैक्सीन म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रदान करती, तो यह मानव जाति के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. दुनियाभर में 33 टीके हैं, लेकिन संक्रमण को रोकने में कोई भी प्रभावी नहीं है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह टीका म्यूकोसल इम्युनिटी प्रदान करेगा जिससे महामारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है.
Budget से जताई ये उम्मीद
एम्स के वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ ने कहा कि सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती दिए जाने संबंधित घोषणाएं होनी चाहिए, क्योंकि ये बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह आखिरी महामारी नहीं है. हमें भविष्य की महामारियों के लिए तैयार रहना चाहिए. यही नहीं आने वाले खतरों से निपटने के लिए हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है.
9 जगह किया जाएगा ट्रायल
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (Drugs Controller General of India-DCGI) ने हैदराबाद स्थित बूस्टर खुराक के रूप में भारत बायोटेक की इंट्रानेजल COVID-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए अनुमति दे दी है. ट्रायल नौ अलग-अलग जगहों पर किया जाएगा. गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में DCGI की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने भारत बायोटेक को अपनी इंट्रानेजल वैक्सीन (BBV154) के ट्रायल के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी.