ग्लास्गो से रवाना होने से पहले PM नरेंद्र मोदी भारतीयों संग ढोल बजाते नजर आए, देखें वीडियो
ग्लासगो से रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ग्लासगो से रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। यह भारतीयों से मुलाकात के दौरान काफी गर्मजोशी दिखी। ग्लासगो में पीएम मोदी से मिलने पहुंचे लोग भारतीय परिधान में नजर आए। इन लोगों के हाथों में ढोल-नगाड़ा था और यह लोग यहां ढोल-नगाड़ा बजाते नजर आए। इस दौरान भारतीयों का जोश देख पीएम मोदी भी खुद को रोक ना सके। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इन लोगों के साथ ढोल बजाया।
इस मुलाकात का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में पीएम मोदी ढोल बजाते नजर आ रहे हैं। कुछ पल तक ढोल बजाने के बाद पीएम मोदी हाथ जोड़कर उनका अभिनंदन करते हैं। इस दौरान सभी भारतीय झूमते-नाचते नजर आ रहे हैं। कई लोग वहां पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान वहां मौजूद लोगों से हाथ भी मिलाया। कुछ लोग छोटे बच्चों के साथ वहां आए थे। पीएम मोदी ने बच्चों को भी स्नेह और अपना आशीर्वाद दिया। वीडियो में नजर आ रहा है कि एक बच्ची के हाथ में कागज था जिसे मोदी अपने हाथ में लेते हैं और कुछ लिखने के लिए कलम खोजने लगते हैं। अचानक वो अपनी जेब में हाथ डालते हैं और फिर कलम खोजने लगते हैं।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लिए रवाना होने से पहले ग्लासगो में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। (सोर्स: डीडी) pic.twitter.com/तजतवष्त्तोक्वे
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 'COP26' में वन सन, वन वर्ल्ड और वन ग्रिड को दुनिया के लिए जरूरी बताया। पीएम मोदी ने मंगलवार को इस समिट में कहा कि जीवाश्म ईंधन कुछ देशों को समृद्ध बना रहा है लेकिन पृथ्वी और वातावरम को गरीब बना रहा है। ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के महासम्मेलन कॉप 26 के समापन के बाद पीएम मोदी स्वदेश रवाना हो गये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ दो दिनों की गहन चर्चा में हिस्सा लेने के बाद मंगलवार को कहा कि भारत ने न केवल पेरिस प्रतिबद्धताओं को पार किया है, बल्कि अब अगले 50 वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा भी निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने रोम और ग्लासगो की अपनी पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पूरी करने के बाद स्वदेश रवाना होते हुए एक ट्वीट में यह बात कही।
उन्होंने रोम और ग्लासगो में क्रमशः जी -20 शिखर सम्मेलन और सीओपी-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। मोदी ने ट्वीट किया, ''हमारे ग्रह (पृथ्वी) के भविष्य के बारे में दो दिनों की गहन चर्चा के बाद ग्लासगो से प्रस्थान। भारत ने न केवल पेरिस प्रतिबद्धताओं को पार किया है, बल्कि अब अगले 50 वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा भी निर्धारित किया है।''
उन्होंने कहा, ''लंबे समय के बाद कई पुराने दोस्तों को आमने सामने देखना और कुछ नए लोगों से मिलना अद्भुत था। मैं अपने मेजबान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और मनोरम ग्लासगो में गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए स्कॉटलैंड के लोगों का भी आभारी हूं।'' रंगीन भारतीय पोशाक पहने भारतीय समुदाय के सदस्य उन्हें विदाई देने के लिए एकत्रित हुए थे। भारत के लिए प्रस्थान करने से पहले मोदी ने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ ड्रम बजाया। मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के निमंत्रण पर सीओपी-26 में भाग लिया।
सीओपी-26 ब्रिटेन की अध्यक्षता में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है जो इस आयोजन के लिए इटली के साथ साझेदारी कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी, 2015 में पेरिस में सीओपी-21 में शामिल हुए थे, जब पेरिस समझौता संपन्न हुआ था, और जिसका कार्यान्वयन इस साल शुरू हुआ था। मोदी ने सीओपी-26 के इतर कई द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिसे जलवायु परिवर्तन से निपटने में दुनिया के नेताओं और विशेषज्ञों की अब तक के सबसे बड़े सम्मेलन में से एक माना जा रहा है।
वह रोम से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने 30-31 अक्टूबर तक इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के निमंत्रण पर 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इटली पिछले साल दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत पहली बार 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है। यह आठवां जी -20 शिखर सम्मेलन था जिसमें मोदी ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान, वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। मोदी ने कैथोलिक चर्च के प्रमुख को भारत आने का न्योता दिया।