विज्ञान

अध्ययन में हुआ खुलासा- कोरोना वायरस कोशिशाओं की कोलेस्ट्रॉल प्रणाली पर हो सकता है हावी

Gulabi
28 Nov 2020 1:23 PM GMT
अध्ययन में हुआ खुलासा- कोरोना वायरस कोशिशाओं की कोलेस्ट्रॉल प्रणाली पर हो सकता है हावी
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वैज्ञानिकों ने जब कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल अनुग्राहकों को बंद कर दिया तो वायरस फिर उन पर नहीं चिपक पाया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड-19 रोग फैलाने वाला सार्स सीओवी-2 वायरस, शरीर में फैलने के लिए हमारी कोशिकाओं की आंतरिक कोलेस्ट्रॉल प्रक्रिया प्रणाली पर कब्जा कर सकता है। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ, जिसमें इस बीमारी के संभावित इलाज की दिशा को लेकर नए संकेत मिले हैं।

नेचर मेटाबॉलिज्म नामक जर्नल में प्रकाशित 'कोशिका संस्कृति अध्ययन में कोलेस्ट्रॉल उपापचय और कोविड-19 के बीच संभावित आणविक संपर्क की पहचान की गई है। चीन में अकादमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज (एएमएमएस) के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि सार्स सीओवी-2 वायरस मानव कोशिका के एक अनुग्राहक (रिसेप्टर) से चिपक जाता है। यह कोशिका आम तौर पर एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बांधती है जिसे अच्छे कोलेस्ट्रॉल के तौर पर भी जाना जाता है।



वैज्ञानिकों ने जब कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल अनुग्राहकों को बंद कर दिया तो वायरस फिर उन पर नहीं चिपक पाया। उन्होंने कहा कि यह इलाज के नए लक्ष्य को लेकर एक संकेत है, यद्यपि यह शुरुआती चरण का शोध है।

अध्ययन में सुझाव दिया गया कि सार्स-सीओवी-2 संक्रमण बढ़ाने के लिए कोशिकाओं के आंतरिक कोलेस्ट्रॉल तंत्र का इस्तेमाल कर सकता है। सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के दौरान वायरस पर कंटीले प्रोटीन मेजबान कोशिका अनुग्राहक, जिसे एंजियोटेनसिन-कन्वर्टिंग एंजाइन2 (एसीई2) कहते हैं, को बांधते हैं।

शोधकर्ताओं ने एक अन्य अनुग्राहक की भूमिका पर प्रकाश डाला है, जिसे एचडीएल स्कावेंजर अनुग्राहक बी टाइप 1 (एसआर-बी1) कहते हैं, जो इंसानों के फेफड़ों की कोशिकाओं समेत कई उतकों में प्रकट होता है। यह अनुग्राहक आम तौर पर उच्च-घनत्व लीपोप्रोटीन (एचडीएल) को बांधता है।


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