कहां से आता है नारियल के अंदर पानी? दिलचस्प बात:

Update: 2024-06-28 14:57 GMT
Coconut Water Interesting Facts: गर्मी के मौसम में डिहाईड्रेशन ना हो इसलिए सबसे अधिक नारियल के पानी का सेवन किया जाता है। नारियल के पानी (Coconut Water) में बहुत अधिक मात्रा में न्यूट्रिशन (Nutrition) पाया जाता है। किसी भी बीमारी में डॉक्टर नारियल का पानी पीने की सलाह देते हैं। यह इकलौता फल है, जो अपने अंदर इतनी मात्रा में पानी रखता है। इतने हेल्दी और न्यूट्रिटिव वैल्यू रखने वाले नारियल के पानी को लेकर लोगों के मन में यह सवाल बार-बार आता है कि आखिर नारियल में इतना पानी आता कहां से है आईए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
नारियल के पानी के फायदे  नारियल में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे विटामिन बी 2 ,b3 ,फोलिक एसिड, पेंटोथेनिक एसिड, विटामिन b1, विटामिन सी इत्यादि। हमारे शरीर के लिए जरूरी पोटेशियम और सोडियम भी इसमें भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। अमीनो एसिड और कार्बोहाइड्रेट की मौजूद होने के कारण इसे पीने से जल्दी भूख नहीं लगती है। हैवी वर्कआउट रनिंग या जिम के बाद नारियल पानी पीना चाहिए। इसके अंदर पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट और इलेक्ट्रोलाइट्स
(Electrolytes)
बॉडी में एनर्जी लेवल को तुरंत बढ़ा देता है। इससे आपको थकान महसूस नहीं होती और डिहाइड्रेशन की समस्या दूर होती है।
यानी कि हमारे शरीर में अधिकतर जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। वो इसमें पाए जाते हैं। गुर्दे की पथरी में नारियल पानी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह पथरी को पिघलाकर बाहर निकाल देता है। अगर किसी को डायबिटीज यानी कि मधुमेह की समस्या है तो उन्हें भी नारियल पानी पीना चाहिए। हृदय से जुड़े बीमारियों में नारियल पानी पीना अच्छा माना जाता है। किसी भी बीमारी के इलाज के बाद यदि आपको कमजोरी महसूस होती है तो नारियल पानी पीने से आप फिर से एक्टिव और ऊर्जावान महसूस करते हैं।
नारियल के पेड़ पर करीब 100 फल लद जाते हैं और सभी के अंदर पानी भरा होता है। आखिर इन फलों में इतना पानी कैसे आ जाता है। वास्तव में नारियल के फल में जो पानी होता है। वह नारियल के पौधे का एंडोस्पर्म वाला हिस्सा होता है। नारियल का पेड़ अपने फल में पानी को इकट्ठा करता है। नारियल के पेड़ के जड़ पानी को कोशिकाओं के माध्यम से फलों में एकत्रित करते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नारियल का पेड़ अक्सर ऐसी जगह पर लगाया जाता है, जहां पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। जड़ें हमेशा पानी में रहती हैं इसलिए जड़ें आसानी से पानी को अपने फलों में इकट्ठा कर देती हैं। पानी जब इकट्ठा हो जाता है तो एंडोस्पर्म इसमें घुल जाता है, जिससे यह पानी काफी गाढ़ा होता है। जब भी आप कच्चा नारियल का पानी पीते हैं तो यह काफी गाढ़ा होता है। लेकिन सूखने के बाद नारियल के गिरी में बहुत पतला और रंगहीन पानी होता है। इसका कारण यह है कि नारियल का फल जब पकने लगता है तो यह गाढ़ा तरल पदार्थ सूखने लगता है और ठोस अवस्था में बदलने लगता है। जो कि फल के किनारों पर सफेद रंग में जमा होने लगते हैं, जिसे नारियल के गिरी के रूप में खाया जाता है। यह एक ड्राई फ्रूट होता है। किसी भी मीठे खाद्य पदार्थ में नारियल के गिरी को घिसकर डाल दिया जाता है। इससे खाद्य पदार्थ का स्वाद बहुत बढ़ जाता है।
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