अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले के बाद भी युवा सिखों भेदभाव का कर रहे हैं सामना

गठन के महज कुछ महीने में हिंसा और भेदभाव के 300 मामलों की सूची तैयार की थी।

Update: 2021-09-08 01:46 GMT

अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले का इस सप्ताह 20 साल पूरा हो जाएगा। इस मौके पर वहां रहने वाले सिखों की समस्या को लेकर चिंता जाहिर की गई है। अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को न्यूयार्क स्थित विश्व व्यापार केंद्र के ट्वीन टावर्स पर हुए आतंकी हमले के 20 साल बीतने के बाद भी यहां रहने वाले युवा सिखों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्हें पगड़ी व दाढ़ी के कारण अमेरिका में कई जगहों पर नफरत भरी टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआइ) के मुताबिक वर्ष 2020 में सिखों के खिलाफ नफरत से प्रेरित अपराध के 67 मामले सामने आए, जो वर्ष 2015 के बाद सबसे अधिक हैं।

सिख कारोबारी बलबीर सिंह सोढ़ी की 11 सितंबर, 2001 की घटना के चार दिन बार अरिजोना में हत्या कर दी गई थी। आरोपित ने उन्हें अरब का मुसलमान समझा था। आतंकी हमले की घटना की 20वीं बरसी पर युवा सिखों का कहना है कि समुदाय के खिलाफ नफरत से प्रेरित अपराधों से निपटने के लिए व्यवस्था में काफी सुधार की जरूरत है।
एफबीआइ भी वर्ष 2015 तक, खासकर सिखों के खिलाफ हिंसा के मामलों की निगरानी नहीं करता था और कानून लागू करने वाली एजेंसियां भी इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहीं। सिखों के पैरोकार संगठन सिख कोलिशन की कार्यकारी निदेशक सतजीत कौर ने कहा, 'यह जिम्मेदारी हमारे जैसे संगठनों पर डाल दी गई कि हम समस्याओं की पहचान करें और समर्थन जुटाएं।' आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में यह संगठन अस्तित्व में आया था और गठन के महज कुछ महीने में हिंसा और भेदभाव के 300 मामलों की सूची तैयार की थी।


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