चीन की गद्दी पर तीसरी बार शी जिनपिंग का कब्जा, आजीवन देश का नेता बनने की राह पर

Update: 2022-10-24 00:44 GMT

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पांच साल के कार्यकाल के लिए रविवार को रिकार्ड तीसरी बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) का महासचिव चुना गया और इसी के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया। वह पार्टी संस्थापक माओ त्से तुंग के बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के ऐसे पहले नेता हैं, जिन्हें तीसरा कार्यकाल मिला है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वह जीवन पर्यंत चीन में सत्ता पर काबिज रहेंगे।

सीपीसी ने जब एक दशक पहले सत्ता के कटु संघर्ष को समाप्त करते हुए पार्टी के नेतृत्व के लिए शी जिनपिंग को चुना था, तो उस समय संभवत: किसी ने नहीं सोचा होगा कि शांत एवं धीर-गंभीर नजर आने वाला यह प्रभावशाली नेता स्वयं को पार्टी संस्थापक माओ जेदोंग के सांचे में ढालकर जीवनपर्यंत देश का नेता बनने की राह पर आगे बढ़ेगा।

तत्कालीन राष्ट्रपति हु जिंताओ के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए नवंबर 2012 में सीपीसी के 18वें महासम्मेलन (कांग्रेस) में तत्कालीन उपराष्ट्रपति शी जिनपिंग और शिष्ट एवं बुद्धिजीवी उप प्रधानमंत्री ली क्विंग के बीच मुकाबला था। इस मुकाबले में शी की जीत हुई, जिसके बाद ली के समर्थक हु जिंताओ ने सभी पूर्व राष्ट्रपतियों की तरह पार्टी के पुराने नियम का पालन करते हुए शी को शांति से सत्ता सौंप दी। शी माओ दौर के पूर्व प्रभावशाली उप प्रधानमंत्री शी झोंगशुन के बेटे हैं।

शी के प्रतिद्वंद्वी रहे ली दूसरे नंबर के नेता बने

किसी समय शी के प्रतिद्वंद्वी रहे ली प्रधानमंत्री के रूप में देश के दूसरे नंबर के नेता बने और उन्होंने भी शी का समर्थन किया, जिसके बाद पार्टी और देश के नेता के रूप में शी को चुनौती देने वाला कोई नहीं बचा। दस साल तक सत्ता में रहे शी की पुराने नियम के अनुसार बीजिंग में हुए 20वें महासम्मेलन (कांग्रेस) में अपने उत्तराधिकारी को सत्ता सौंपने की बारी थी, लेकिन सीपीसी ने सत्ता बदलाव को लेकर अपने पुराने नियम को ही बदल दिया और शी को रिकॉर्ड तीसरी बार सीपीसी का महासचिव चुना।

पहले दिन से भ्रष्टाचार के खिलाफ क्रूर अभियान

सत्ता संभालने के बाद पहले दिन से, शी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रूर अभियान चलाया, जिसकी मदद से वे आम लोगों के बीच लोकप्रिय हुए और उन्हें अपने राजनीतिक विरोधियों, विशेष रूप से शीर्ष जनरलों को व्यवस्थित रूप से बाहर निकालने में मदद मिली। 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' के पूर्व प्रधान संपादक वांग जियांगवेई ने कहा कि पिछले एक दशक में शी चिनफिंग के कद के उल्लेखनीय रूप से ऊंचे होने का मुख्य कारण उनका भ्रष्टाचार विरोधी अभियान है।

सत्ता को नजदीक से देखा है

वर्ष 1953 में जन्मे शी ने कई कम्युनिस्ट नेताओं के विपरीत, अपने पिता शी झोंगशुन के कारण सत्ता को नजदीक से देखा। माओ ने क्रांतिकारी नेता झोंगशुन को प्रचार और शिक्षा मंत्री नियुक्त किया था। शी जब छोटे थे, तो उन्हें और उनके परिवार को उस समय मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा, जब उनके पिता को उनके उदार विचारों के कारण माओ ने परेशान किया। ऐसा बताया जाता है कि शी ने अपना बचपन बीजिंग में पार्टी नेतृत्व के आधिकारिक आवासीय परिसर झोंगनानहाई में माओ के करीब बिताया।

जब शी को कई मुश्किलों का करना पड़ा सामना

शी के पिता और माओ के बीच मतभेद पैदा होने और झोंगशुन को निर्वासित किए जाने के बाद शी के सभी विशेषाधिकार छिन गए। शी को माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दौर में 13 साल की उम्र में स्कूल छोड़ना पड़ा और गांव जाना पड़ा तथा कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शी बार-बार कोशिश करने के बाद 1974 में सीपीसी में शामिल होने में सफल हो गए। कई साल बाद शी के हवाले से बताया गया कि उनके पिता के गलत कार्यों के कारण उन्हें सीपीसी में शामिल होने से रोकने से प्रयास किए गए।

 

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