World News: आईएमएफ से लोन मिलने की राह देख रहे पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ का पाकिस्तानी संसद में कबूलनामा

Update: 2024-06-26 11:44 GMT
World News: आईएमएफ से लोन मिलने की राह देख रहे पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ का पाकिस्तानी संसद में कबूलनामा। बोले - 2024-25 के लिए पेश किया गया पाकिस्तानी फेडरल बजट आईएमएफ के इशारों पर ही तैयार हुआ है।Pakistanके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में कबूल किया है कि पिछले दिनों लाया गया फेडरल बजट IMF के सहयोग से तैयार किया गया था। पाक पीएम, बजट में किए जाने वाले संशोधनों के लिए लाए गए बिल पर बोल रहे थे। इमरान खान की पार्टी के एक सांसद ने जब उनसे पूछा कि आखिर क्यों किसानों के ऊपर टैक्स बढ़ाकर उनका शोषण किया जा रहा है , तो शरीफ ने कहा कि हमें जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए IMF के साथ बजट तैयार करना पड़ा।
शरीफ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आईएमएफ की इस पर सकारात्मक प्रक्रिया होगी लेकिन फिर भी मैं समय के पहले कोई बात नहीं रखना चाहता। शरीफ ने कहा कि अगर उन्हें आईएमएफ की तरफ से कोई बेहतर प्रतिक्रिया मिलेगी तो वह सबसे पहले उसे संसद के साथ ही साझा करेंगे। पाक पीएम का बयान ऐसे समय में आया जब पाकिस्तान के वित्तमंत्री मुहम्मद औरंगजेब कुछ ही दिन पहले लाए गए अपने बजट में कुछ महत्वपूर्ण सुधारों से पीछे हटने के लिए एक बिल लेकर आए। एक तरफ आईएमएफ की शर्तें थी तो दूसरी तरफ प्रभावशाली उद्योगपतियों का दबाव, जाहिर है अपने सुधारों से पीछे हटकर सरकार 
Industrialists 
के दबाव में आ गई। इसके साथ ही उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को भी खुश करने के लिए उन्हें ज्यादा पैसा देने की भी वकालत की। नेशनल असेंबली में बजट बहस पर अपने समापन भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि नेशनल असेंबली और सीनेट के पूरे स्टाफ को तीन मूल वेतन के बराबर सम्मान मिलेगा।पाकिस्तान पर है IMF का दबाव
दरअसल, अपनी खराब आर्थिक हालत से परेशान पाकिस्तान एक बार फिर से आईएमएफ की शरण में गया था। लेकिन एक बार फिर से पाकिस्तान की मदद करने के लिए आईएमएफ ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। लोन देने के बदले में आईएमएफ ने बजट में अपनी शर्तों के मुताबिक बजट बनाने के लिए पाकिस्तानी सरकार को तैयार कर लिया। पाक पीएम शरीफ ने अभी हाल ही में कहा था कि हम आईएमएफ के पास लोन लेने की कोशिश में गए थे , हम उम्मीद करते हैं कि यह पाकिस्तान के इतिहास का आखिरी लोन होगा, लेकिन यह रास्ता कठिन है आवाम और सरकार को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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