World News: भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और साथी बुश विल्मोर अभी भी स्टारलाइनर विमान के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे हुए हैं। नासा ने बताई वापसी की तारीख

Update: 2024-06-27 09:13 GMT
World News: भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विल्मोर अभी भी स्टारलाइनर विमान के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे गुए हैं। नासा ने अब तीसरी बार वापसी की तारीख बताई है। भारतीय मूल की नासा की अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams और उनके साथी बुश विल्मोर अभी भी Starliner Aircraftके साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसे गुए हैं। कुछ हफ्ते पहले ही वो स्टेशन पहुंचे थे। उनकी वापसी दो बार टल जरूर चुकी है लेकिन, खुशखबरी है कि नासा ने उनकी वापसी की तारीख की घोषणा कर दी है। दरअसल, बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी दिक्कत आने के कारण विमान अंतरिक्ष में फंस गया है। सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर को लेकर बोइंग का स्टारलाइनर कैप्सूल 5 जून को धरती से उड़ा था और 6 जून को सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में पहुंच गया था। तकनीकी दिक्कत आने के कारण विमान अभी भी स्टेशन में ही फंसा हुआ है। उसमें आई समस्याओं के कारण अंतरिक्ष यात्रियों की धरती की ओर आने की योजना अभी अधर में लटकी हुई है। नासा ने सीआईडी रिटर्न को तीन बार रीशेड्यूल किया है।
नासा ने दी बड़ी खुशखबरी- सुनीता विलियम्स और उनके साथी की स्पेस सेंटर से वापसी की तारीख तय हो गई है। नासा के क्रू मैनेजर स्टीव स्टिच का कहना है कि स्टारलाइनर को 45 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में डॉक किया जा सकता है। नासा के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर की धरती में वापसी की तारीख 6 जुलाई तय की गई है। इससे पहले नासा दो बार धरती पर लैंडिंग की तारीख टाल चुका है। पहले यह 15 जून थी इसके बाद 23 जून को भी विमान स्पेस सेंटर से धरती के लिए उड़ान नहीं भर पाया था।
विमान में दिक्कत क्या हुई- मिशन से जुड़े नासा के टैक्नीकल स्टॉफ का कहना है कि विमान के थ्रस्टर्स ज्यादा गर्म हो गए और हीलियम का भार वहन हुआ। नासा और बोइंग कर्मियों से बनी मिशन प्रबंधन टीम डेटा की जांच कर रही है। 6 जून को स्टारलाइनर के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लैंडिंग के बाद यात्रियों को पता लगा कि 5 हीलियम लीक हो गए हैं और 5 थ्रस्टर्स ने काम करना बंद कर दिया है। इसके अलावा एक वाल्व भी पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। इसी कारण अंतरिक्ष में चालक दल को मरम्मत में ज्यादा समय लग रहा है।

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