World news : हिटलर को शांति से नहीं कोई मतलब; जेलेंस्की ने ठुकराई पुतिन की शर्तें, चीन को दोस्ती का ऑफर
World news: रूस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध को दो साल से अधिक का वक्त हो गया है और न ही Russia ने अपने सैनिक वापस बुलाए हैं और न ही यूक्रेन ने घुटने टेके हैं। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध समाप्ति के लिए दो शर्तें रखी हैं, जिसे यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडोमिर जेलेंस्की ने ठुकरा दिया है। जेलेंस्की का कहना है कि रूस शांति का सिर्फ दिखावा कर रहा है। अगर वो अपने सैनिकों को वापस बुला ले तो हम शांति वार्ता को तैयार हैं। साथ ही जेंलेस्की को रूस के दोस्त चीन को दोस्ती का ऑफर दिया है। कहा कि ने चीन को कभी अपना दुश्मन नहीं माना।यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ये बातें स्विटरलैंड में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान कही। यूक्रेन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य रूस से युद्ध को समाप्त करने के लिए यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाना था। जेलेंस्की ने समापन कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा कि असल में रूस "न्यायसंगत शांति" के लिए तैयार नहीं है। ज़ेलेंस्की ने रूस की उनके देश से पूर्ण वापसी और यूक्रेन की "क्षेत्रीय अखंडता" के प्रति सम्मान का आह्वान किया। Ukraine
चीन से समर्थन की उम्मीद - जेंलेस्की ने कहा, "यदि पुतिन हमारे क्षेत्रों को छोड़ दें तो हम बिना देरी किए रूस से बात करने को तैयार हैं।" ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि वह इस महायुद्ध के समाधान पर चर्चा में चीन को बड़ी भूमिका में देखते हैं। रूस का करीबी राजनीतिक और आर्थिक सहयोगी होने के नाते चीन ने रूस को सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किये जाने के विरोध में शिखर सम्मेलन से दूरी बनाई। ज़ेलेंस्की ने कहा, "मेरा मानना है कि चीन हमारी मदद कर सकता है। इसलिए मैं चीनी पक्ष के कुछ प्रस्तावों पर गौर करना चाहूंगा। यूक्रेन ने कभी नहीं कहा कि चीन हमारा दुश्मन है।"पुतिन की शर्तें क्या हैं?
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था। रूस के इस आक्रमण को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़े संघर्ष के रूप में देखा जा सकता है। रूस की सेनाएं अभी भी यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्र के लगभग पांचवें हिस्से पर नियंत्रण रखती हैं, जिसमें Crimean Peninsula भी शामिल है। जिसे रूस ने 2014 में अपने में मिला लिया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 14 जून को यूक्रेन के सामने दो शर्तें रखी। पहली शर्त है कि यदि वह युद्ध को समाप्त करना चाहता है तो उसे देश के दक्षिण और पूर्व से अपने सैनिकों को वापस बुला लेना चाहिए। दूसरी शर्त यह है कि वह नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा। सम्मेलन के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस की शर्त को “आत्मसमर्पण” कहा। जबकि ज़ेलेंस्की ने इसे “हिटलरी आदेश” कहकर खारिज कर दिया है।
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