World Bank : भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 8.3 फीसदी रहने का अनुमान, इकोनॉमिक रिवाइवल होने में थोड़ा समय

Update: 2022-01-12 13:37 GMT

विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 8.3 फीसदी पर बरकरार रखते हुए कहा है कि इकोनॉमिक रिवाइवल अभी भी बाकी है. देशभर में फैली कोरोना महामारी की तीसरी लहर में लगाई गई पाबंदियों का असर इकोनॉमी पर देखने को मिल सकता है.

जून में भी 8.3 फीसदी का लगाया था अनुमान

विश्व बैंक ने साल 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.3 फीसदी रहने का पूर्वानुमान जताते हुए मंगलवार को कहा कि उसका यह आकलन पुनरुद्धार के व्यापक स्तर पर प्रसारित होने की संभावना पर आधारित है. जून में भी विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि दर 8.3 फीसदी रहने का ही अनुमान जताया था. विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था को संपर्क-बहुल सेवाओं की बहाली से लाभ होना चाहिए. इसके अलावा मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतिगत समर्थन से भी इसे मदद मिलेगी.

NSO ने लगाया 9.2 फीसदी का अनुमान

पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने वर्ष 2021-22 के लिये पहले अग्रिम अनुमान में आर्थिक वृद्धि 9.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. उसने कोविड से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद कृषि, खनन एवं विनिर्माण क्षेत्रों के सुधरे प्रदर्शन के दम पर वृद्धि को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई है.

जानें कितना लगाया पूर्वानुमान

विश्व बैंक की रिपोर्ट में वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए क्रमशः 8.7 फीसदी और 6.8 फीसदी वृद्धि का पूर्वानुमान जताया गया है. यह उसके पिछले अनुमान से अधिक है. निजी निवेश के माहौल में सुधार, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना और ढांचागत निवेश में वृद्धि इसकी वजह है. 


दूसरी लहर के बाद पटरी पर आईं गतिविधियां

विश्व बैंक के मुताबिक, "चुनौतियों के बावजूद भारत के वृद्धि परिदृश्य को संरचनात्मक सुधार, अनुमान से बेहतर वित्तीय पुनरुद्धार और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से समर्थन मिलेगा." इस रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशिया में 2021 के मध्य में स्वास्थ्य एवं आर्थिक गतिविधियों पर कोविड की दूसरी लहर ने प्रतिकूल असर डाला था, लेकिन अब आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर आ गई हैं.


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