जिनेवा । जलवायु परिवर्तन नीतियों को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के साथ अनबन के बाद डेविड मलपास ने घोषणा की है कि वह विश्व बैंक के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि वह अपने पांच साल के कार्यकाल की समाप्ति से दस महीने पहले जून में अंतरराष्ट्रीय विकास संस्थान छोड़ देंगे। गौरतलब है कि उन्होंने अपनी इस्तीफे की की घोषणा ऐसे समय की है, जब दुनिया भर के कई देश गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं। विश्व बैंक का प्रमुख नियुक्त करना, अमेरिकी राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है। बाइडेन मलपास के उत्तराधिकारी की नियुक्ति करेंगे। मलपास पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी थे, जिन्हें 2019 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यंग किम के पद छोड़ने के बाद इस पद पर नियुक्त किया था।
मलपास ने ट्रम्प के 2016 के चुनाव अभियान में काम किया था और विश्व बैंक में जाने से पहले अंतरराष्ट्रीय मामलों के ट्रेजरी अंडरसेक्रेटरी थे। पद छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए मलपास ने कहा कि विकासशील देशों में अभूतपूर्व संकट का सामना करने के साथ मुझे गर्व है कि बैंक ने प्रभावशाली ढंग से संकटों का सामना किया। बैंक ने कहा कि मालपास के नेतृत्व में बैंक ने वैश्विक संकटों का तेजी से सामना किया। कोविड-19 महामारी, यूक्रेन में युद्ध, तेज वैश्विक आर्थिक मंदी, अस्थिर ऋण बोझ, जलवायु परिवर्तन और भोजन, उर्वरक के लिए 440 बिलियन डॉलर जुटाया। इसके पहले मलपास ने रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों रोनाल्ड रीगन और जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के साथ भी काम किया। 1993 में वे निवेश कंपनी बेयर स्टर्न्स के मुख्य अर्थशास्त्री बने, जो 2008 के वित्तीय संकट में ढह गई। इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की आर्थिक सलाहकार फर्म की स्थापना की और सीनेट चुनाव में रिपब्लिकन नामांकन के लिए असफल बोली लगाई।
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