दुनिया की अजब-गजब भाषाएं, कई जरूरी शब्दों का नहीं कोई जिक्र, वजह जान रह जाएंगे भौचक्के
भाषा का नाम नैचेज शहर के आधार पर है, ये शहर मिसिसिपी राज्य की पहली राजधानी था. अब इस भाषा को मात्र 5-6 लोग ही बोलते हैं.
नई दिल्ली: जोरान निकोलिक (Zoran Nikolic) की नई किताब 'द एटलस ऑफ अनयूजुअल लैंग्वेजेज' में कुछ सबसे दिलचस्प खुलासे किए गए हैं. इसी किताब में मेक्सिको से लेकर न्यूजीलैंड तक की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जिक्र है जहां, कुछ शब्द जिनकी हमें रोजमर्रा की बोलचाल में जरूरत पड़ती है वे हैं ही नहीं. साथ ही कुछ भाषाएं ऐसी हैं जो मात्र पांच या छह लोग ही बोलते हैं अब.
कुसुंडा, नेपाल
मध्य नेपाल में एक हरे भरे वर्षावन में कुसुंडा जनजाति रहती है. इस जनजाति की भाषा में 'हरा' रंग कोई शब्द ही नहीं है. जोरान ने किताब में खुलासा किया कि शायद ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि कुसुंडा जनजाति के चारों ओर हरियाली ही हरियाली है, 'इसलिए उन्हें इस रंग का स्पष्ट वर्णन करने की कोई आवश्यकता नहीं हुई. हालांकि कुसुंडा भाषा विलुप्त होने के कगार पर है अब कुछ लोग ही इसे बोलते हैं.
पुकापुका, कुक आइलैंड्स
जोरान की किताब में जिक्र है, पुकापुका के दूरस्थ प्रशांत एटोल पर रहने वाले 500 या उससे ज्यादा लोग अपनी भाषा बोलते हैं. इस भाषा को 'पुकापुकन' भाषा कहा जाता है, जिसे 1980 के दशक से यहां स्कूल में पढ़ाया जाता है. इस भाषा में केवल सफेद, काला, लाल और पीले, नीले और हरे के लिए ही शब्द हैं. इसके अलाका किसी भी रंग के लिए यहां कोई शब्द नहीं है. इन रंगों के नाम असल में तारो (या तालो) पौधे की जड़ों की परतों से आते हैं. इन रंगों के नाम भी सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि ये सभी रंग यहां के खाने में होते हैं. हालांकि इस द्वीप पर ज्यादातर लोग अंग्रेजी ही बोलते हैं.
एल्फडालियन - स्वीडन
जोरान के मुताबिक, स्वीडन में सबसे असामान्य बोलियों में से एक Elfdalian भाषा है. ये सभी स्कैंडिनेवियाई भाषाओं में सबसे पुरानी है, जो 8वीं शताब्दी में पुराने नॉर्स से अलग हो गया थी. इस भाषा को मध्य स्वीडन के सुदूर शहर अल्वडालेन के सिर्फ 7,000 निवासी ही बोलते हैं.
नैचेज, यूएसए
यूएसए की एक भाषा है 'नैचेज.' ये भाषा बिल्कुल विलुप्त होने के कगार पर है. इसे धाराप्रवाह बोलने वाले अंतिम व्यक्ति नैन्सी रेवेन की मौत हो चुकी है. भाषा का नाम नैचेज शहर के आधार पर है, ये शहर मिसिसिपी राज्य की पहली राजधानी था. अब इस भाषा को मात्र 5-6 लोग ही बोलते हैं.