महसा अमीनी जिसकी मौत पर फूटा महिलाओं का गुस्सा, प्रदर्शनकारियों ने फूंके कई पुलिस थाने

अर्थव्यवस्था सहित कई मुद्दों को लेकर रोष फैल गया है। वहीं इन विरोध प्रदर्शनों में महिलाओं प्रमुख भूमिका निभाई है।

Update: 2022-09-22 12:23 GMT

तेहरान और कई अन्य ईरानी शहरों में इस्लामिक रिपब्लिक पुलिस (मोरैलिटी पुलिस) द्वारा हिरासत में ली गई एक महिला की मौत के बाद हालात बिगड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक महिला की मौत के छठे दिन प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और शहर के कई इलाकों में गुरुवार को पुलिस स्टेशनों और वाहनों में आग लगा दी।


बता दें कि तेहरान में 22 वर्षीय महिला महसा अमिनी की पिछले हफ्ते पुलिस द्वारा कथित तौर पर "हिजाब से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद मौत हो गयी थी। महिला हिरासत में रहने के दौरान कोमा में चली गई थी। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि वे मौत के कारणों की जांच शुरू करेंगे।

वहीं अमिनी की मौत के बाद लोगों का गुस्सा फूटा और 2019 के बाद से ईरान में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन देखा गया। मालूम हो कि अधिकांश ईरान की कुर्द-आबादी उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में केंद्रित हैं, लेकिन वर्तमान में कुर्द राजधानी और कम से कम 50 शहरों और कस्बों में फैल गए हैं। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।

जानकारी के मुताबिक पूर्वोत्तर में, प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन के पास "हम मरेंगे, हम मरेंगे, लेकिन हम ईरान को वापस लाएंगे" के नारे लगाए।

इसके अलावा अमिनी के गृह प्रांत कुर्दिस्तान से फैले विद्रोह के कारण राजधानी तेहरान में एक अन्य पुलिस थाने में भी आग लगा दी गई।

गौरतलब है कि ईरान के शासकों को 2019 में गैसोलीन की कीमतों में वृद्धि के बाद हुआ विरोध प्रदर्शन याद है जो इस्लामी गणराज्य के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था जिसमें 1,500 लोग मारे गए थे। वहीं प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ भी आक्रोश व्यक्त किया।

इधर एक वायरल वीडियो में भीड़ ने तेहरान में खमेनेई के बेटे का जिक्र करते हुए कहा कि "मोजतबा, क्या आप मर सकते हैं और सर्वोच्च नेता नहीं बन सकते," हालांकि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने वीडियो की पुष्टि नहीं की।

वहीं कुर्द समूह हेंगॉ की रिपोर्ट, जिसे रॉयटर्स सत्यापित नहीं कर सका, ने कहा कि तीन प्रदर्शनकारियों की भी मौत हो गई जिसके बाद बुधवार को सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में मरने वालों की संख्या 10 तक पहुंच गई।

हालांकि अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है।

वहीं विरोध प्रदर्शनों में ढील के कोई संकेत नहीं होने के कारण, अधिकारियों ने इंटरनेट भी बैन कर दिया है।

बता दें कि अमिनी की मौत से पूरे ईरान में इस्लामिक गणराज्य में स्वतंत्रता और प्रतिबंधों से जूझ रही अर्थव्यवस्था सहित कई मुद्दों को लेकर रोष फैल गया है। वहीं इन विरोध प्रदर्शनों में महिलाओं प्रमुख भूमिका निभाई है।

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