अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक यह मानने से इनकार किया है कि जो बाइडन चुनाव जीत गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन्स के अन्य नेता भी ट्रंप की तरह ही हार स्वीकार करते नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवार को कहा था कि अगले ट्रंप प्रशासन के साथ सत्ता का हस्तान्तरण आसानी से होगा. यानी पोम्पियो ने दोबारा ट्रंप की सरकार बनने की बात दोहराई. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप हारने के बाद भी किसी तरह कुर्सी पर बने रह सकते हैं?
theguardian.com में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है कि ट्रंप और उनकी पार्टी के अन्य नेता सत्ता में बने रहने के लिए हर कोशिश करेंगे. वहीं, अमेरिका के अटॉर्नी जनरल ने संघीय जांचकर्ताओं को चुनाव में धांधली की जांच करने का अधिकार दे दिया है. हालांकि, इसके बाद न्याय विभाग के प्रमुख ने पद छोड़ दिया.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के तमाम बयानों के बावजूद, इस बात की संभावना न के बराबर है कि वे सत्ता में रहने के लिए कोई रास्ता निकाल लेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के पास वास्तव में सत्ता में बने रहने का कोई भी संवैधानिक रास्ता नहीं है.
जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के लिए अगली प्रक्रिया 14 दिसंबर को शुरू होगी जब इलेक्टोरल कॉलेज की मीटिंग होगी. इस दिन हर राज्य पॉपुलर वोट के आधार पर इलेक्टर्स का चयन करेंगे. विभिन्न प्रोजेक्शन के मुताबिक, इस दौरान बाइडन को 270 से कहीं अधिक इलेक्टोरल वोट्स मिल जाएंगे जो उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे.
ट्रंप चुनाव में धांधली के आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब तक एक भी ऐसा सबूत सामने नहीं आया है जिससे पता चल सके कि चुनाव में वाकई हेरफेर हुई है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में कानून के प्रोफेसर रिचर्ड हसेन कहते हैं कि अगर देश में कानून का राज जारी रहता है तो ट्रंप के पास सत्ता में रहने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है.