US-रूस में होगी जंग? हमले के मूड में पुतिन, अमेरिका ने भी सेना आगे बढ़ाने के दिए निर्देश

Update: 2022-02-23 04:56 GMT

Ukraine Russia News: यूक्रेन संकट के बीच अब अमेरिका और रूस आमने-सामने आते दिख रहे हैं. एक तरफ रूसी सेना के ट्रकों के यूक्रेन की तरफ मार्च करने की खबर है, दूसरी तरफ राष्ट्रपति बाइडेन ने साफ किया है कि वह NATO Baltic देशों की मदद के लिए फोर्स भेज रहे हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूस की सेना के 100 से अधिक ट्रकों का काफिला यूक्रेन की सीमा की ओर जाते देखा गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से रॉयटर्स ने ये खबर दी है. रॉयटर्स के मुताबिक रूसी सेना का काफिला बेलगोरोड इलाके में यूक्रेनी सीमा की तरफ जाते देखा गया है. यूक्रेन की सीमा की तरफ रूसी सैनिकों के जाने की खबर ऐसे समय में सामने आई है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद ये साफ कर चुके हैं कि यूक्रेन में सेना भेजने को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि हमने यूक्रेन में सेना भेजने को लेकर अभी आदेश नहीं दिया है. पुतिन ने कहा है कि हालात को देखते हुए सैनिकों की तैनाती को लेकर फैसला लिया जाएगा. सेना की तैनाती समझौते के मुताबिक ही की जाएगी. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि यूक्रेन के साथ विवाद का हल हो सकता है बशर्ते यूक्रेन नाटो में शामिल ना हो.
रूसी सेना के आगे बढ़ने की खबरों के बीच अमेरिका का भी बयान आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका NATO Baltic के सहयोगी देशों को बचाने के लिए सेना को भेज रहा है. कहा गया कि ऐसा रूस द्वारा पूर्वी क्षेत्र में ज्यादा सेना लगाने की वजह से किया जा रहा है.
NATO Baltic देश ऐसे देश हैं जिनपर कभी मॉस्को का शासन था. इसमें Estonia (एस्टोनिया), Latvia (लातविया) और Lithuania (लिथुआनियाई) शामिल हैं. ये देश 2004 से NATO (North Atlantic Treaty Organization) और यूरोपियन यूनियन का हिस्सा हैं.
अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध भी लगाए हैं. इसका ऐलान बाइडेन ने किया. दो रूसी वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान करते हुए बाइडेन ने कहा है कि रूस, पश्चिमी देशों के साथ और व्यापार नहीं कर पाएगा. उन्होंने बताया कि रूस को पश्चिमी देशों से मिलने वाली सहायता पर भी रोक लगाई जाएगी. साथ ही कहा गया कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की जाती रहेगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि नाटो सहयोगियों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना भेजी जा रही है क्योंकि पूर्व में रूस अपनी मौजूदगी लगातार बढ़ाता जा रहा है. उन्होंने कहा कि नाटो सहयोगियों की एक-एक इंच जमीन की सुरक्षा के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है. व्लादिमीर पुतिन की ओर से यूक्रेन पर लगाए गए आरोप को लेकर बाइडेन ने कहा कि हममें से कोई मूर्ख नहीं है. पुतिन बल प्रयोग करके अधिक इलाकों पर कब्जे का आधार तैयार कर रहे हैं.

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