नेपाल : नेपाल के नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ भारत के साथ संबंधों में और मजबूती के संकेत दे रहे हैं। प्रचंड के पूर्ववर्ती PM शेर बहादुर देउबा और केपी शर्मा ओली भी पद संभालने के बाद परंपरा काे निभाते हुए अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे।
संभावना है कि प्रचंड अप्रैल के दूसरे हफ्ते में भारत दौरे पर आएंगे। इसके लिए प्रचंड ने चीन की ओर से 28 मार्च को हेनान में होने वाली बोआओ फोरम की बैठक से किनारा करने का मानस बनाया है। 2008 में जब प्रचंड पहली बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे, वे अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत नहीं जाकर चीन गए थे। उस वक्त उन्होंने चीन में हुए ओलिंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में शिरकत की थी।
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नेपाल के राजनीतिक विश्लेषक कमल देव भट्टाराई ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि प्रचंड जानते हैं कि यदि उन्हें लंबे समय तक बतौर प्रधानमंत्री सत्ता में रहना है तो वे भारत की नाराजगी मोल नहीं ले सकते हैं। भट्टाराई का कहना है कि प्रचंड जैसे कम्युनिस्ट नेता के नेतृत्व वाली सरकार को चीन समर्थक के रूप में देखा जाए, लेकिन प्रचंड की इस बार की सरकार इस बार काफी हद तक प्रो इंडिया और प्रो वेस्ट है।