आज ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक की करेंगे अध्यक्षता, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे "ब्रिक" के नाम से जाना जाता था।
ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्री आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुलाकात करेंगे। इस मीटिंग का मकसद दुनिया में कोरोना संक्रमण की चुनौती से निपटने की तैयारियां करना है। इसके अलावा दुनिया में विकास की संभावनाएं तलाशने और आतंकवाद भी एक मुद्दा रहेगा। भारत ब्रिक्स देशों का अध्यक्ष है। मीटिंग में ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अल्बर्टो फ्रेंको, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोव, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और साउथ अफ्रीका के विदेश मंत्री ग्रेस नेलेदी मेंडिसा शामिल होंगे।
कोरोना से निपटना एक बड़ी चुनौती
इस समय पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से जूझ रही है। ब्रिक्स देशों का मकसद संयुक्त प्रयासों से इस महामारी से निपटना है। विदेश मंत्री आपसी विचार-विमर्श से महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशों पर चर्चा करेंगे।
क्या है ब्रिक्स
ब्रिक्स (BRICS) उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के एक संघ का शीर्षक है। इसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। इन्हीं देशों के अंग्रेज़ी में नाम के पहले अक्षर B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का नाम रखा गया है। ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुई थी। 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे "ब्रिक" के नाम से जाना जाता था।