देश की सरकार की ओर सेे होगा जारी, निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य पास को अनिवार्य
इटली में भारतीय दूतावास ने बताया कि भारतीय वैक्सीन कार्डधारक अब ग्रीन पास के लिए पात्र हैं।
इटली में अब सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य पास को अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि कोई न्यायिक अधिकारी हो या निजी कंपनी का सीईओ, स्कूल का कर्मचारी हो या फिर स्वास्थ्यकर्मी सबको अपने साथ इसे रखना होगा क्योंकि अब स्वास्थ्य पास दिखाए कार्यस्थल में प्रवेश नहीं मिलेगा।
देश की सरकार की ओर सेे होगा जारी
स्वास्थ्य पास सरकार की तरफ से जारी किए जाएंगे। इसे ग्रीन पास भी कहा जा रहा है। यह पास बनवाने के लिए कर्मचारियों को टीकाकरण प्रमाणपत्र, नवीनतम नेगेटिव कोरोना टेस्ट रिपोर्ट या कोरोना से उबरने के सुबूत दिखाने होंगे। जिन लोगों के पास ग्रीन पास नहीं होगा, उन्हें अवैतनिक अवकाश लेना होगा। नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य पास की जांच करे। नियम का पालन नहीं करने वाले कर्मचारियों को 1,760 डालर (एक लाख रुपये से अधिक) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
नए नियम का विरोध
नए नियम का विरोध भी होने लगा है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरने और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। स्कूलों को जल्दी बंद कर दिया गया और दूतावासों ने हिंसा भड़कने की चेतावनी जारी की है। फ्लोरेंस में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने नए नियमों से आजादी के नारे लगाए। कई विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी भी दी है। बता दें कि चीन के बाद इटली कोरोना महामारी से सबसे पहले बुरी तरह प्रभावित होने वाला देश था।
सितंबर के अंत में भारतीय कोरोना रोधी वैक्सीन कोविशील्ड को इटली में भी मान्यता मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और उनके इतालवी समकक्ष रॉबर्टो स्पेरांजा के बीच विदेश मंत्रालय के लगातार प्रयासों के साथ एक बैठक के परिणामस्वरूप इटली ने भारत की कोविशील्ड को मान्यता दी। इटली में भारतीय दूतावास ने बताया कि भारतीय वैक्सीन कार्डधारक अब ग्रीन पास के लिए पात्र हैं।