भारतीय मीडिया से क्यों नाराज़ हुआ रूस, जानिये वजह

Update: 2022-03-01 09:44 GMT

रूसी दूतावास ने अपने बयान में कहा है कि 'रूस ने यूक्रेन और वहाँ की जनता के ख़िलाफ़ युद्ध नहीं छेड़ा है बल्कि एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया है और इसका लक्ष्य यूक्रेन में विसैन्यीकरण के अलावा नाज़ीकरण को ख़त्म करना है. डोनबास (पूर्वी यूक्रेन) इलाक़े में आठ सालों से जारी यूक्रेन के युद्ध को ख़त्म करना उसका लक्ष्य है.' रूसी दूतावास ने लिखा है, ''रूस की सेना अधिकतम संयम बरत रही है. आम नागरिकों और शहरों को निशाना नहीं बना रही है. रूस की सेना केवल सैन्य ठिकानों को निशाने पर ले रही है. हमारी सेना यूक्रेन की सेना की तरह प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल नहीं करती है और न ही मानव ढाल के रूप में लोगों को आगे करती है. हम युद्ध बंदियों के साथ भी आदर से पेश आते हैं.'' रूसी दूतावास ने भारतीय मीडिया की रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए लिखा है, ''रूस हमेशा से संवाद के लिए तैयार रहा है. यूक्रेन में परमाणु ठिकाने सुरक्षित हैं. इसकी पुष्टि आईएईए ने भी की है. इसके उलट कोई भी जानकारी पक्षपाती और भ्रामक है.'' द ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में सीनियर फ़ेलो तन्वी मदान ने रूसी दूतावास की ओर से भारतीय मीडिया को निर्देशित करने पर आपत्ति जताते हुए लिखा है, ''रूसी दूतावास ने एक बार फिर से चीन की तरह भारतीय मीडिया को बताने की कोशिश की है कि उसे रूसी पक्ष ही रिपोर्ट में स्वीकार्य है. अगर भारतीय मीडिया ऐसा नहीं करती है तो वह पक्षपाती है.'' महीने भर में रूस ने दूसरी बार भारतीय मीडिया से नाराज़गी जताई है. इससे पहले नौ जनवरी को रूसी दूतावास ने भारतीय मीडिया को लेकर प्रेस नोट जारी किया था. रूसी विदेश मंत्रालय ने इस प्रेस नोट को ट्वीट किया था.

इसमें भी रूस ने भारतीय मीडिया की रिपोर्टिंग पर आपत्ति जताते हुए लिखा था, ''भारतीय मीडिया में एक बार फिर से यूक्रेन संकट और रूस के रुख़ को लेकर पक्षपाती तस्वीर छपी है. भारतीय मीडिया में यूक्रेन के अधिकारियों का अपमानजनक बयान भी छपा है. हमारा मानना है कि भारतीय मीडिया में यूक्रेन संकट को लेकर छपी पक्षपाती सामग्री का भारत सरकार के आधिकारिक रुख़ से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही जाने-माने विशेषज्ञों की राय भी भारतीय मीडिया की कवरेज से अलग है.''

रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पूर्वी यूक्रेन पर भारत के रुख़ का स्वागत किया था. भारत में रूस के कार्यकारी राजदूत रोमान बाबुश्किन ने अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू से कहा था कि पूर्वी यूक्रेन पर भारत की प्रतिक्रिया बिल्कुल स्वतंत्र रही है. रोमान बाबुश्किन ने द हिन्दू से 24 फ़रवरी को कहा था, ''यूक्रेन को लेकर भारत के रुख़ का रूस स्वागत करता है. यूक्रेन पर भारत ने एक वैश्विक शक्ति के रूप में कई बार संतुलित और स्वतंत्र विचार रखा है. दोनों देशों ने वहाँ की स्थिति को लेकर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तरों पर कई बार बात की है.'' 'हमने इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र में भी बात की है. भारत चीज़ों को लेकर अच्छी समझ रखता है और उसे पता है कि राष्ट्रपति पुतिन ने यह घोषणा क्यों की है. रूस को उम्मीद है कि उसके दोस्त और पार्टनर, जिसमें भारत भी शामिल है, नए गणतंत्र' दोनेत्स्क और लुहांस्क को मान्यता देंगे.'' लेकिन दूसरी तरफ़ रूस भारत की मीडिया से ख़ासा नाराज़ है. भारत स्थित रूसी दूतावास ने कहा है कि भारत की मीडिया यूक्रेन संकट को लेकर भारत के लोगों को सही और वस्तुनिष्ठ जानकारी दे


Tags:    

Similar News

-->