क्यों 15 साल से पाकिस्तान के दौरे पर नहीं गया कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति?
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इस समय भारत में हैं
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इस समय भारत में हैं. इससे अलग कुछ दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर बात हुई थी. इस बातचीत में पीएम मोदी ने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया था. जहां एक तरफ अमेरिका का नया प्रशासन भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिशों में लग गया है वहीं पाकिस्तान के साथ रिश्ते फिर से आतंकवाद के मसले पर आकर रुक जाते हैं.
ऑस्टिन के भारत आने से पाकिस्तान में एक बार फिर हलचलें हैं. यह परेशानी लाजिमी है क्योंकि पिछले 15 साल से कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान के दौरे पर नहीं गया है. जबकि भारत के साथ लगातार अमेरिका का संपर्क बढ़ता जा रहा है. जानिए आखिर क्यों अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान जाने से कतराने लगे हैं.
पाकिस्तान जाने वाले आखिरी राष्ट्रपति बुश
जॉर्ज बुश जूनियर मार्च 2006 में पाकिस्तान के दौरे पर गए थे. बुश उस समय भारत आए थे और यहां पर एतिहासिक परमाणु डील को सील करने के बाद वापसी के लिए एक दिन पाकिस्तान पहुंचे थे. उस समय परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के मुखिया थे और उन्होंने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया था. मगर बुश के दौरे के बाद पाकिस्तान को इंतजार है कि कब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति उनके देश का दौरा करेगा.
प्रधानमंत्री इमरान खान भी परेशान हैं आखिर उनके देश में अब कब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति आएगा. 27 जनवरी 2015 को जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना दूसरा भारत दौरा खत्म किया था तो एनपीआर रेडियो ऑफ अमेरिका ने कहा था, 'राष्ट्रपति ओबामा ने बिल्कुल अभी भारत का दौरा खत्म किया है जिसके बाद पाकिस्तानी बस अपनी विजिटर्स बुक को निहार रहे होंगे. वहां पर लोगों में इस बात को लेकर झुंझलाहट है कि ओबामा दो बार दिल्ली और पाकिस्तान से सिर्फ होकर गुजर गए.'
सिर्फ पांच राष्ट्रपति पहुंचे पाकिस्तान
अब तक सिर्फ पांच ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति हुए हैं जो पाकिस्तान के दौरे पर गए हैं. वहीं, पाकिस्तान के शासकों ने सन् 1947 यानी आजादी के बाद से 42 बार अमेरिका का दौरा किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति अपने दौरों पर कराची, इस्लामाबाद और लाहौर पहुंचे हैं. इसका मतलब यह हुआ कि हर 14 वर्ष बाद ही व्हाइट हाउस की तरफ से पाकिस्तान को मौका दिया जाता है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे की तैयारियां कर सके.
सबसे दिलचस्प बात है कि जब कभी भी कोई अमेरिकी राष्ट्रपति, पाकिस्तान के दौरे पर पहुंचा हर बार वहां पर मिलिट्री शासक ही राज करता मिलता. ड्वाइट आइजनहावर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे जो पाक के दौरे पर गए थे. रिपब्लिकन पार्टी के आइजनहावर साल 1959 में जब पाकिस्तान गए तो उस समय जनरल अयूब खान देश के राष्ट्रपति थे. पाकिस्तान की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो जिस तरह से मुस्कुराते हुए अयूब खान ने राष्ट्रपति स्वागत किया वह दुनिया को एक नया संदेश दे रहे थे.
31 साल बाद क्लिंटन गए थे पाकिस्तान
आइजनहावर के बाद लिंडन जॉनसन दूसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे जो पाक गए और 23 दिसंबर 1967 को उन्होंने पाक का दौरा किया था. जॉनसन का स्वागत कराची में हुआ था. जॉनसन के बाद रिचर्ड निक्सन तीसरे राष्ट्रपति थे जो पाकिस्तान गए थे. निक्सन 31 जुलाई से एक अगस्त 1969 तक भारत के दौरे पर थे और यहां से वह पाकिस्तान पहुंचे थे. एक अगस्त से दो अगस्त को निक्सन का स्वागत लाहौर में याहाया खान ने किया था.
निक्सन के बाद बिल क्लिंटन, पाकिस्तान के दौरे पर गए थे. क्लिंटन ने 25 मार्च 2000 को पाक का दौरा किया और राष्ट्रपति रफील तरार और तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ ने उनका स्वागत किया था. बिल क्लिंटन भी पहले भारत के दौरे पर आए थे और फिर यहां से पाकिस्तान पहुंचे थे. बिल क्लिंटन 31 साल बाद पाक का दौरा करने वाले राष्ट्रपति बने थे.
कार्टर के दौरे से बंधी उम्मीदें
क्लिंटन से पहले जब जिमी कार्टर ने भारत का दौरा किया तो पाक को एक बार फिर उम्मीद बंधी थी. मगर वह पाकिस्तान को नजरअंदाज कर गए. कार्टर एक जनवरी 1978 को भारत आए थे और तीन जनवरी को वह देश वापस लौट गए थे. हैरी ट्रुमैन, जॉन एफ कैनेडी, जेराल्ड फोर्ड, जिमी कार्टर, रोनाल्ड रीगन, जॉर्ज बुश सीनियर और बराक ओबामा ऐसे राष्ट्रपति रहे जो अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान जाने से बचते रहे.
ओबामा साल 2010 में पहली बार जब भारत दौरे पर आए थे तो वह उनका पहला कार्यकाल था. उसके बाद दूसरे कार्यकाल के बाद वह साल 2015 में दोबारा भारत के दौरे पर आए थे. साल 2016 में जब ओबामा अपने दूसरे कार्यकाल की समाप्ति पर थे तो व्हाइट हाउस की तरफ से पाक दौरे को लेकर बयान जारी किया गया था. व्हाइट हाउस ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ 'जटिल संबंधों' की वजह से राष्ट्रपति का दौरा नहीं हो सका और उन्हें इस बात का खासा अफसोस है.
इमरान को है इंतजार
45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते और ज्यादा बिगड़ गए थे. अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य मदद पर रोक लगा दी और हर बार से आतंकवाद के मसले पर मुंह की खानी पड़ी. साल 2019 में जब भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया तो पाकिस्तान बौखला गया. उस वर्ष यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (यूएनजीए) से अलग इमरान खान और ट्रंप की मुलाकात हुई. इस मीटिंग में इमरान ने कश्मीर अपना दर्द बयां किया लेकिन उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं मिली.
वहीं, बाइडेन ने व्हाइट हाउस का जिम्मा संभालने के बाद और हाल ही में अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को लेकर पाकिस्तान की अहमियत का जिक्र तो किया गया है मगर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है कि आखिर रिश्ते ऐसे कब होंगे जब कोई राष्ट्रपति इस देश में पहुंचेगा. जाहिर तौर पर इमरान खान भी परेशान होंगे कि आखिर उनके देश में अब कब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति आएगा.