क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस? क्या है इस दिन का इतिहास?
दुनियाभर में आज यानि 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इंसानों और प्रकृति के बीच एक अटूट संबंध है जिसे मजबूत बनाए रखना बेहद जरुरी है। गौरतलब है कि हम इंसान अपने भोजन से लेकर अन्य स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों के लिए प्रकृति पर निर्भर हैं। ऐसे में जैव विविधता के बारे में सभी को जानकारी देने और पर्यावरण संतुलन (Environmental Balance) बनाए रखने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इस दिन के बारे में विस्तार से।
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का इतिहास
इस दिन को मनाए जाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organisation) के द्वारा की गई थी। सबसे पहले 29 दिसम्बर 1992 को केन्या के नैरोबी में एक जैव विविधता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस दौरान इस दिन को मनाए जाने पर विचार किया गया था। लेकिन कई देशों के द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयों के चलते इस दिन को 29 दिसम्बर की बजाय 22 मई को मनाने का फैसला किया गया। जिसके बाद से हर साल इस दिन को पूरी दुनिया में धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
क्या है इस दिन का महत्व और उद्देश्य?
गौरतलब है कि पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता का विकास बहुत ही जरुरी है। जैव विविधता के जरिए हमारी धरती पर प्रदूषण नियंत्रण से लेकर जल, मिट्टी और वायु संरक्षण में भी मदद मिलती है। इसके अलावा ब्रह्मांड में फ़ैल रही गैसों के नुकसान को कम करने में भी जैव विविधता का अहम योगदान है। इसलिए जरुरी है कि हम पेड़-पौधों से लेकर हवा, मिट्टी, पानी, जीव-जंतु आदि का संरक्षण करें। इस दिन का उद्देश्य लोगों को जैव विविधता की गैर-मौजूदगी में होने वाले खतरों और इसके महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है।