भारत में प्रोटेस्ट क्यों कर रहे अफगान सेना के जवान, तालिबान से जान का खतरा
काबुल में सरकार गिरने के बाद भारत में फंसे लगभग सौ अफगानिस्तान सेना के अधिकारियों ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
काबुल में सरकार गिरने के बाद भारत में फंसे लगभग सौ अफगानिस्तान सेना के अधिकारियों ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में सेना, विशेष बलों और खुफिया सेवाओं के अधिकारी शामिल हैं। ज्ञात हो कि पिछले साल यानी अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कंट्रोल स्थापित किया था। इसके बाद से बड़ी संख्या में अफगान नागरिक दूसरे देशों में शरण की मांग कर रहे हैं।
क्या मांग कर रहे हैं अफगान सेना के जवान?
अफगानिस्तान सेना के जवानों ने अन्य देशों में अपने पुनर्वास में दूतावास के हस्तक्षेप की मांग की है। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अफगानिस्तान वापस जाना उनके लिए अब कोई विकल्प नहीं है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण के लिए पिछले साल भारत आए लेफ्टिनेंट हामिद ने कहा कि भारत में रहने वाले 200 से अधिक अफगानिस्तान सेना के अधिकारियों के भविष्य पर कोई स्पष्टता नहीं है।
खाने के लिए बेचने पड़ रहे मोबाइल फोन
उन्होंने कहा, "अफगान सेना के अधिकारी प्रशिक्षण या चिकित्सा के लिए भारत आए हैं। अफगानिस्तान में सरकार गिरने के बाद, विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे घायल या बीमार अधिकारियों को वित्तीय सहायता बीच में बंद कर दी गई है।" उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों को किराए का भुगतान करने और भोजन की व्यवस्था करने के लिए अपने मोबाइल फोन बेचने पड़े हैं। अफगानिस्तान में उनके परिवार भी उनके भविष्य पर मंडरा रही अनिश्चितता के कारण पीड़ित हैं।