WHO ने दी चेतावनी, ओमीक्रोन की वजह से मौतों की संख्या बढ़ सकती है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा कि ओमीक्रोन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में तेजी आएगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा कि ओमीक्रोन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में तेजी आएगी।
स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमण के मामलों की संख्या पूरी दुनिया में बढ़ी है, ऐसे में हमें उम्मीद है कि अस्पताल में भर्ती होने के मामलों और यहां तक कि इस संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अभी ओमिक्रॉन को पूरी तरह से समझने के लिए और जानकारियों की आवश्यकता है। हम देशों को अस्पताल में भर्ती किए जाने वाले मरीजों के डाटा को हमारे कोविड-19 क्लिनिकल डाटा प्लेटफॉर्म पर साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इससे हमें इसे समझने में मदद मिलेगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा कि ओमीक्रोन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में तेजी आएगी।
स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमण के मामलों की संख्या पूरी दुनिया में बढ़ी है, ऐसे में हमें उम्मीद है कि अस्पताल में भर्ती होने के मामलों और यहां तक कि इस संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अभी ओमिक्रॉन को पूरी तरह से समझने के लिए और जानकारियों की आवश्यकता है। हम देशों को अस्पताल में भर्ती किए जाने वाले मरीजों के डाटा को हमारे कोविड-19 क्लिनिकल डाटा प्लेटफॉर्म पर साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इससे हमें इसे समझने में मदद मिलेगी।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ओमीक्रोन वेरिएंट बड़ा प्रभाव डाल सकता है लेकिन इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। यह वेरिएंट भारत में दूसरी लहर का सबब बने डेल्टा से भी अधिक संक्रामक माना जा रहा है। कहा जा रहा है यह तीसरी लहर का कारण बन सकता है।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ओमीक्रोन वेरिएंट बड़ा प्रभाव डाल सकता है लेकिन इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। यह वेरिएंट भारत में दूसरी लहर का सबब बने डेल्टा से भी अधिक संक्रामक माना जा रहा है। कहा जा रहा है यह तीसरी लहर का कारण बन सकता है।