WHO: संकटग्रस्त देश में कोविड-19 के परीक्षण और टीकाकरण में आई गिरावट

उनके मुताबिक देश सामाजिक और आर्थिक रूप से भी काफी बर्बाद हो चुका है। अफगान नागरिकों पर गहरा संकट है।

Update: 2021-10-07 08:25 GMT

अफगानिस्तान में जारी मानवीय संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि संकटग्रस्त देश में कोविड-19 के परीक्षण और टीकाकरण में गिरावट आई है और निकट भविष्य में टीके की लगभग 1.6 मिलियन खुराक खराब हो सकती है। WHO के क्षेत्रीय कार्यालय ने ट्वीट किया, 'अगस्त के बाद से, WHO ने 3.9 मिलियन लोगों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अफगानिस्तान में 360 स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जीवन रक्षक दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति भेजी है।' बुधवार को, डब्ल्यूएचओ ने काबुल के दो अस्पतालों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रांतीय कार्यालयों में वितरण के लिए आपूर्ति की।

कहा गया, 'आज, काबुल के दो अस्पतालों साथ ही डब्ल्यूएचओ प्रांतीय कार्यालयों में आपूर्ति भेजी गई थी। आपूर्ति अफगानिस्तान में 50,000 लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करेगी।' बता दें कि दवाइयों की आपूर्ति तब संभव हो सकी, जब संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों और उनके सहयोगियों ने देशों से अफगानिस्तान के प्रति अपनी प्रतिज्ञाओं का सम्मान करने का आग्रह किया।

अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने से पहले से ही अफगानिस्तान दुनिया की सबसे खराब मानवीय स्थितियों में से गुजर रहा था, जिसने मौजूदा जरूरतों और कमजोरियों को गहरा कर दिया है।
अफगानिस्तान ने दशकों के संघर्ष और विस्थापन के साथ-साथ गरीबी, भीषण सूखा और अब COVID-19 महामारी का सामना किया है। लगभग आधी आबादी, 18 मिलियन से अधिक लोगों को जीवित रहने के लिए सहारे की आवश्यकता है, जबकि संघर्ष और असुरक्षा ने 3.5 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित किए हैं, अकेले इस वर्ष लगभग 700,000 लोग प्रभावित हुए हैं।
वहीं, हाल ही में यूरोपीयन यूनियन के शीर्ष राजनयिक ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्‍तान के हालात आने वाले दिनों में और खराब हो सकते हैं। यूरोपीयन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने अफगानिस्‍तान के हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि यहां पर गंभीर संकट बना हुआ है, जो पूरे विश्‍व की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। अपने ब्‍लाग में उन्‍होंने लिखा है कि अफगानिस्‍तान में गंभीर मानवीय संकट है। उनके मुताबिक देश सामाजिक और आर्थिक रूप से भी काफी बर्बाद हो चुका है। अफगान नागरिकों पर गहरा संकट है।

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