दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बैठक में कहा कि मंकीपॉक्स अभी ग्लोबल इमरजेंसी नहीं है। बता दें कि मंकीपॉक्स अब तक दुनियाभर के 42 देशों में फैल चुका है। अब तक मंकीपॉक्स के 3300 से अधिक नए केस सामने आ चुके हैं। बढ़ते खतरे को देखते हुए WHO एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी, जिसके बाद इसके संबंध में फैसला लिया गया है।
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। मंकीपॉक्स वायरस Poxviridae परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस भी शामिल है।
CDC के अनुसार, मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान लेकिन हल्के होते हैं और संक्रमण के 7-14 दिनों बाद बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट के साथ शुरू होते हैं। इसके आम लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, थकान और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां आदि शामिल हैं।
यह वायरस दुनियाभर के कई देशों में जा चुका है और मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस प्रकोप से आज तक किसी की मौत नहीं हुई है। लेकिन, मंकीपॉक्स से निमोनिया और आपके मस्तिष्क (एन्सेफलाइटिस) या आंखों में संक्रमण जैसी अन्य घातक मस्याएं (जटिलताएं) हो सकती हैं।