WHO ने ओमिक्रॉन वैरिएंट का मुकाबला करने दक्षिण अफ्रीका भेजी टीम

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट जिसकी पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई थी, वह अब तक कम से कम 24 देशों में फैल चुका है।

Update: 2021-12-03 03:02 GMT

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट जिसकी पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई थी, वह अब तक कम से कम 24 देशों में फैल चुका है।

भारत में पाए गए ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामलों पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का बयान आया है। उन्होने कहा, "मैंने लैब से पूरा विवरण मांगा है। हम इन लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं। आज दोपहर 1 बजे मेरी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ एक बैठक है। मेरी इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी बात हुई है।"
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपने अधिकारियों की एक टीम दक्षिण अफ्रीका भेजी है। यह टीम कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए निगरानी कदमों और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की तकनीक की परख करेगी। बताया गया है कि टीम को सीधा देश के गाउतेंग प्रांत भेजा गया है, जिसे ओमिक्रॉन वैरिएंट का केंद्र माना जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका में एक दिन में 11,500 नए केस दर्ज हुए हैं। यह एक दिन पहले के 8500 केस से भी ज्यादा है। यह चौंकाने वाला आंकड़े इसलिए भी हैं, क्योंकि नवंबर के मध्य तक इस देश में कोरोना के 200 से 300 केस प्रतिदिन आ रहे थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट जिसकी पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई थी, वह अब तक कम से कम 24 देशों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका में क्षेत्रीय आपात निदेशक डॉक्टर सलाम गुए ने कहा कि उनकी टीम पहले ही दक्षिण अफ्रीका में प्रभावितों के जीनोम सिक्वेंसिंग के काम में जुटी है, ताकि वायरस के नए स्वरूप पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके।
उधर देश के स्वास्थ्य संस्थान- एनआईसीडी ने बताया कि अब कोरोना के जो केस मिल रहे हैं, उनमें करीब 75 फीसदी नए वैरिएंट के हैं। एनआईसीडी ने कहा कि अब तक जो 249 सीक्वेंस ट्रेस हुए हैं, उनमें 183 ओमिक्रॉन वैरिएंट के हैं।

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